
जिले में कोरोना मरीजों के मिलने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण क्वारेंटाइन सेंटरों में बरती जा रही लापरवाही है जिसके कारण जिले में मरीजों की संख्या 200 तक पहुंच चुकी है। यदि ऐसी ही लापरवाही जारी रही तो आंकड़ा तेजी से बढ़ते काफी आगे पहुंच जाएगा। गुरुवार को मिले 20 मरीजों की जब हिस्ट्री जांच की गई तो जानकारी हुई कि क्वारेंटाइन सेंटरों में संदेहियों को एक साथ रखा गया है। कुछ में तो सभी लोग साथ भोजन बनाने व परोसने का काम कर रहे हैं। इससे कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आकर अन्य लोग भी संक्रमित हो रहे हैं।
गुरुवार 23 जुलाई को जिले में कोरोना के 20 नए मरीज पाए गए थे जिसमें अंतागढ़ विकासखंड के गांव पोडगांव बीएसएफ कैंप में 11, कढ़ाईखोदरा क्वारेंटाइन सेंटर में 4, दुर्गूकोंदल के गुमड़ीडीह बीएसएफ कैंप में 1 के अलावा कांकेर विकासखंड के ग्राम इच्छापुर तथा भैंसगांव क्वारेंटाइन सेंटर में दो दो मरीज मिले हैं। इच्छापुर क्वारेंटाइन सेंटर में कुल 4 मरीज रखे गए थे जिसमें दो युवक कर्नाटक से आए थे। इन्हें अलग एक कमरे में रखा गया था। जबकि 14 जुलाई की सुबह एक तथा दूसरा युवक शाम को आंध्रप्रदेश से आया। अलग अलग इलाके से आए इन दोनों युवकों को एक साथ कमरे में रख दिया गया। इससे ये दोनों एक दूसरे के संपर्क में आते रहे। यहां रह रहे सभी 4 युवकों का 20 जुलाई को सैंपल लिया गया था। इसमें एक कमरे में रह रहे दोनों युवक कोरोना पॉजिटिव पाए गए जबकि दूसरे कमरे में रह रहे दोनों युवक की रिर्पोट निगेटिव थी। इससे स्पष्ट है पॉजिटिव पाए गए दोनों में से कोई एक कोरोना संक्रमित था और उसने दूसरे को भी संक्रमित कर दिया। इससे बड़ी लापरवाही दुर्गूकोंदल के कढ़ाईखोदरा क्वारेंटाइन सेंटर में दिखी। यहां अलग अलग इलाके व गांव से आए 6 युवकों को एक साथ ही रखा गया था।
सभी लोग एक साथ मिलकर रोज सेंटर में भोजन बना रहे थे तथा साथियों को परोस भी रहे थे। यहां अलग अलग समय में सैंपल लिए गए थे जिसकी 23 जुलाई को आई रिपोर्ट में 4 युवकों को कोरोना संक्रमित पाया गया। इसमें 3 कढ़ाईखोदरा तथा 1 पेंवारी का मजदूर युवक है। इन क्वारेंटाइन सेंटरों में जब साथ में रखे गए युवकों की रिपोर्ट पाजिटिव आई तो साथ में रह रहे अन्य युवक जिनकी रिर्पोट निगेटिव आई थी उनका फिर से 24 जुलाई को सैंपल लिया गया है।
बाहर से आए जवानों की नहीं दे रहे जानकारी
जिले में कोरोना मरीजों का आंकड़ा दो सौ के करीब पहुंचाने में सबसे ज्यादा योगदान बीएसएफ के जवानों का है। इनके द्वारा खुलेआम लापरवाही बरती जा रही है। बीएसएफ कैंपों के क्वारेंटाइन सेंटर में छुट्टी से लौटे सभी जवानों को एक साथ तो रखे जा ही रहे हैं इसके अलावा ये जवान कैंप में मौजूद अन्य जवानों के संपर्क में भी आ रहे हैं, जिससे लगातार जवान संक्रमित हो रहे हैं। कुछ कैंपों में जानबूझ कर लापरवाही बरतते जवानों के बाहर से आने की जानकारी भी स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी जा रही है। जैसा की टेमरूपानी कैंप में हुआ। यहां का जवान जब स्वास्थ्य जांच के लिए अंतागढ़ पहुंचा तब जानकारी हुई कि वह बाहर से लौटा है। जांच में यह जवान कोरोना पॉजिटिव पाया गया।
जिले में 1058 लोगों की रिपोर्ट है लंबित
जिले में 24 जुलाई तक 7464 लोगों का सैंपल लिया जा चुका है जिसमें 6406 लोगों की रिपोर्ट आ चुकी है जबकि 1058 की रिपोर्ट आना बाकी है। 24 जुलाई को ही 156 लोगों का सैंपल लेकर जांच केे लिए भेजा गया है। जिन लोगों की रिपोर्ट आई नहीं है उनमें अधिकांश लोग कैंप व क्वारेंटाइन सेंटर में भीड़ में रहे कोरोना पॉजिटिव मरीज के सीधे संपर्क में आए हैं। इससे इन लोगों में कुछ और लोगों के कोरोना संक्रमित होने की आशंका बढ़ गई है।
20 मरीज भर्ती हुए तो 24 डिस्चार्ज भी
कांकेर कोविड अस्पताल में 24 जुलाई को 20 नए मरीजों को भर्ती कराया गया है। इसके अलावा शुक्रवार को ही 24 मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है। अस्पताल में वर्तमान में 59 मरीजों का इलाज चल रहा है।
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