
(दिनेश बस्सी) रिंगरोड वन पर आपके वाहन दौड़ाने का सपना 2021 से पहले पूरा होता नहीं दिख रहा है तथा इसका कारण महत्वपूर्ण रोड की कनेक्टिविटी क्लियर नहीं होना है जिसके चलते इस प्रोजेक्ट की गति पर ब्रेक लगते नजर आ रहे हैं। राज्य सरकार व वित्तमंत्री मनप्रीत बादल के प्रोत्साहन के बाद प्रशासन व बीएंडआर विभाग ने इस रिंगरोड - 1 पर प्रीमिक्स तक बिछाना शुरू कर दिया है, लेकिन फिलहाल बठिंडा अंबाला रेल लाइन के नीचे से गुजरने वाले अंडरब्रिज की फाइनल परमिशन ही अभी तक विभाग को नहीं मिली है।
अगर अगले एक से दो माह में यह परमिशन आ भी जाती है तो इस प्रोजेक्ट का टेंडर व इसे अवार्ड करने में ही कई माह निकल जाएंगे जिससे यह प्रोजेक्ट 2021 में शुरू होगा। 25 करोड़ की लागत से बनने वाले इस रेलवे अंडरब्रिज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। पीडब्ल्यूडी बीएंडआर 4.7 किलोमीटर लंबे इस रोड पर एक बड़े हिस्से पर प्रीमिक्स बिछा चुका है जबकि काफी बड़े सेक्शन में सड़क निर्माण अभी बाकी है। गौरतलब है कि अप्रैल 2001 में तत्कालीन मंत्री बलरामजी दास टंडन ने इसका नींव पत्थर रखा था।
काफी बड़े सेक्शन में अभी सड़क निर्माण का काम बाकी
2019 में 4.7 किलोमीटर लंबी रिंगरोड-1 के लिए प्रशासन द्वारा 7 एकड़ जमीन एक्वायर करने के बाद इसमें लगे पेंच को हटाने में प्रशासन को कामयाबी मिली, हालांकि दो जगहों पर अभी भी मलकीयत का मुद्दा नजर आ रहा है। वहीं 200 फीट चौड़े इस रिंग रोड के एक हिस्से से गुजरती बठिंडा-अंबाला रेलवे लाइन होने की वजह से वहां सेना द्वारा ओवरब्रिज की परमिशन नहीं देने के बाद वहां अंडरब्रिज की खाका खींचा गया तथा 25 करोड़ की लागत से बनने वाले करीब 700 मीटर लंबे इस अंडरब्रिज की प्रपोजल अंबाला डिवीजन को भेजी गई जहां से पिछले डेढ़ साल में अब जाकर अंबाला डिवीजन ने फाइल क्लियर कर नई दिल्ली स्थित रेलवे बड़ौदा हाउस को फाइनल अप्रूवल के लिए भेजी है।
वर्तमान में 4.7 किलोमीटर लंबे इस रिंगरोड में काफी बड़े सेक्शन में जहां अभी सड़क को लेवल कर सड़क निर्माण का प्रोसेस करना करना बाकी है, वहीं रास्ते में आने वाले वाटर टैंक तथा कुछ घरों की क्लियरेंस लेना बाकी है। ऐसे में रेलवे बड़ौदा हाउस से अगले दो से तीन माह तक इस ब्रिज की अप्रूवल होने को लगना बेहद सामान्य है। ऐसे में पूरा काम 2021 तक पूरा हो जाएगा, इस पर भी एक तरह से संदेह है। वहीं इंडस्ट्रियल एरिया में मानसा ओवरब्रिज से लैग जोड़ने की बजाए उसे नीचे से ही रास्ता देना लगभग तय है।
शहर के बढ़ते ट्रैफिक के बोझ से नहीं मिलेगी निजात
चंडीगढ़ तथा अमृतसर की तरफ से आने वाला हैवी ट्रैफिक हरियाणा या राजस्थान के अलावा मानसा, तलवंडी की ओर जाने को पहले शहर में एंट्री करता है, लेकिन अगर रिंगरोड पूरा हो जाता तो रोजाना हजारों वाहन, जिसमें बसें, ट्रक व कारें आदि शामिल हैं, शहर में आने की बजाए बाहर से ही निकल जाते जिससे शहर के जीटी रोड तथा 100 फीट रोड व बीबी वाला रोड पर वाहनों का बोझ कम हो जाता तथा ट्रैफिक रश व दुर्घटनाएं भी कम हो जातीं, लेकिन रिंगरोड के शुरू होने में हो रही देरी का बोझ फिलहाल शहर को उठाना हाेगा।200 फीट चौड़ी इस रिंगरोड पर 80 फीट एरिया में रोड कंस्ट्रक्शन होगी, जबकि बाकी दोनों तरफ, आर्मी व सिटी एरिया, ग्रीन फील्ड बनाया जाना है।
रेलवे अंडरब्रिज की परमिशन बाकी
रिंगरोड 1 प्रोजेक्ट में सड़क निर्माण का काम जारी है, लेकिन इसमें रेलवे लाइन पर बनने वाले रेलवे अंडरब्रिज की परमिशन अभी मिलना बाकी है। उम्मीद है हमें यह जल्द मिलेगी तथा उनकी परमिशन मिलते ही अंडरब्रिज निर्माण की राशि उन्हें जमा करवा दी जाएगी। बी. श्रीनिवासन, डीसी, बठिंडा
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