गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने फिजिकल काउंसिलिंग और क्लास स्टडी को फिर से निरस्त करते हुए इसे ऑनलाइन कर दिया है। इसके साथ ही कैंपस में स्टाफ को भी 50 फीसदी कम कर दिया गया है। गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के पंजाबी अध्ययन विभाग के मुखी डॉ. दरिया की मौत के बाद उनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी। इसके बाद अब केमेस्ट्री विभाग की रिसर्च स्काॅलर भी पॉजीटिव आ गई हैं।
अब काउंसिलिंग के साथ पढ़ाई भी ऑनलाइन होगी, 15 दिन आधा स्टाफ आएगा
कोरोना पॉजीटिव पाई गई स्काॅलर अक्सर लैब में आती रही हैं। वहीं डॉ. दरिया भी 100 से अधिक लोगों के संपर्क में रह चुके थे। इसके चलते यूनिवर्सिटी कैंपस में संक्रमण का खतरा और बढ़ा हुआ है। इसको लेकर कैंपस में अफरा-तफरी का माहौल है। कोरोना संक्रमण शुरू होते ही यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने क्लासों को बर्खास्त करते हुए कैंपस बंद करते हुए स्टूडेंट्स को घर भेज दिया था और पढ़ाई का सिस्टम ऑनलाइन कर दिया था। इसके साथ ही जरूरी स्टाफ को 50 फीसदी तक कम कर दिया था।
इसके बाद पिछले कुछ दिनों से दाखिले के लिए काउंसिलिंग फिजिकल होने लगी थी। इसके साथ ही टीचर्स को क्लासें अटेंड करने के साथ स्टाफ को भी फुलफिल कर दिया गया था। इस तरह से यूनिवर्सिटी रुटीन के पुराने ढर्रे पर लौट रही थी, लेकिन उक्त दोनों के संक्रमित होने के बाद फिर से सारा सिस्टम ऑनलाइन करते हुए 15 दिन के लिए स्टाफ को 50 फीसदी आने को कहा गया है।
परीक्षा को लेकर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने देश भर की यूनिवर्सिटियों को 30 सितंबर तक परीक्षा मुकम्मल करवाने को कहा है, लेकिन गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अभी तक फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स के पेपर करवाने को लेकर कुछ भी तय नहीं कर पाया है। इससे यूनविर्सिटी के 40 हजार से करीब स्टूडेंट्स अधर में फंसे हुए हैं।
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