
(प्रभमीत सिंह) कोरोनावायरस की महामारी के बीच में जहां कोमोरबिड मरीजों को अपना विशेष तौर पर ध्यान रखने की सलाह दी जा रही है, वहीं सबसे अधिक सावधानी हार्ट के मरीजों को रखने के लिए कहा जा रहा है। जिले में कोरोना से होने वाली मौतों पर नजर दौड़ाएं तो जिले में करीब 10% ऐसे भी मरीज मिले हैं, जिन्हें इलाज के दौरान कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक आया था।
हृदय रोग माहिरों का कहना है कि दुनिया में अभी भी 50% ऐसे लोगों की मौत घर पर ही हो जाती है, जिन्हें हार्ट अटैक आया होता है और समय पर इलाज नहीं मिलता। वर्तमान की बात करें तो हृदय रोग से 25 से 40 साल के युवक भी पीड़ित हो रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना महामारी के बीच में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट होने की पूरी संभावना बन जाती है।
इसके चलते मरीज अस्पताल में आने से पहले कई बार दम भी तोड़ सकता है। कई डॉक्टरों का ये भी कहना है कि हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति को अपना ध्यान पहले से दोगुना रखना होगा क्योंकि फेफड़ों में संक्रमण के बाद ऑक्सीजन की कमी से हृदय व शरीर को ज्यादा नुकसान शुरू हो जाता है।
कोरोना के लक्षण हैं तो टेस्ट कराएं, क्योंकि शरीर में बन रहे ब्लड क्लॉट
कोरोनावायरस के मरीजों का इलाज कर रहे सिविल और प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों का कहना है कि कोरोनावायरस के कारण जिन मरीजों की हालात गंभीर हो रही है, उनके इंफ्लेमेटरी टेस्ट और डी-डाइमर टेस्ट करने पर यह बात सामने आ रही है। संक्रमण के कारण ब्लड गाढ़ा हो रहा है, जिस कारण शरीर के बाकी हिस्सों में खून का बहाव सही तरह से नहीं पहुंच पाता।
वहीं कई मामलों में यह बात भी सामने आई है कि जिन मरीजों को कोरोनावायरस के अलावा अन्य बीमारी है, उन्होंने समय पर अपना टेस्ट नहीं करवाया था। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि दिल के मरीजों को अगर वर्तमान समय में कोई दिक्कत आती है तो तुरंत अस्पताल में जाकर जांच करवाएं।
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में फर्क समझें
हार्ट अटैक के दौरान दिल के कुछ हिस्सों में खून जम जाता है। ऐसे मामलों में इलाज मिलने में जितनी देर होगी, उससे हृदय और शरीर को नुकसान होता जाएगा। ऐसी स्थिति में हार्ट अटैक के लक्षण पहले और बाद में भी दिख सकते हैं। वहीं कार्डियक अरेस्ट में हृदय के भीतर के हिस्सों में सूचनाओं का आदान प्रदान गड़बड़ा जाता है। इस कारण हार्ट रेट को नियमित करने की कोशिश की जाती है। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि जिन मरीजों को पहले हार्ट अटैक का खतरा हो सकता था, उन्हें कार्डियक अरेस्ट होने की संभावना ज्यादा रहती है।
पढ़िए डॉक्टर क्या कह रहे हैं
हार्ट अटैक के मामले बढ़े, जांच में कोरोना की पुष्टि : डॉ. महाजन
टैगोर अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विजय महाजन का कहना है कि कोरोनावायरस के कारण उनके पास कई ऐसे भी पहुंचे हैं, जिन्हें घर पर हार्ट अटैक आया और जब अस्पताल में उनका इलाज शुरू किया गया तो उन्हें कोविड-19 की भी पुष्टि हुई। इसके अलावा जिन मरीजों को पहले कभी हार्ट की शिकायत थी, उन्हें इस बार दोबारा भी हो सकती है क्योंकि कोरोना दिल पर भी असर करता है। इसलिए नियमित डाइट के साथ अगर छाती में जकड़न और बिना काम किए ज्यादा पसीना आता है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
खून सप्लाई करने वाली नसों पर बुरा प्रभाव डाल रहा कोरोना : डॉ. अंकित
ग्लोबल अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अंकित महाजन का कहना है कि कोरोना के कारण सबसे अजीब स्थिति हार्ट के मरीजों में देखने को मिली है। इसमें मरीज की धड़कन कभी कम हो जाती है तो कभी बढ़ जाती है। इसके साथ ही हार्ट पंप करना भी बंद कर देता है। वहीं इस कारण कई मरीजों को पेस मेकर की जरूरत पड़ रही है। क्योंकि शरीर हार्ट को पंप करने में असमर्थ हो रहा है। अगर किसी मरीज को हृदय रोग नहीं है तो भी उसे कोरोना हो सकता है क्योंकि यह शरीर में खून सप्लाई करने वाली नसों को प्रभावित कर रहा है।
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