
10 वर्षों से अबोहर व आसपास के क्षेत्रों में से जहरीले सांपों को पकड़ने वाले जसवंत नगर निवासी सपेरे की सांप के डसने से मौत हो गई। डॉक्टरों के अनुसार परिजनों के अंधविश्वास के कारण सपेरे की जान गई है, क्योंकि करीब 6 बजे सपेरे को घर में सांपों से खेलते समय एक सांप ने डंस लिया। जिसे तांत्रिक के पास ले जाने के बाद जब 6 बजकर 55 मिंट पर सिविल अस्पताल अबोहर लाया गया तो वहां उसकी मौत हो गई।
परिजनों द्वारा सिविल अस्पताल की मोर्चरी में पड़े मृतक देह को तांत्रिक लाकर उनसे भी झाड़-फूंक करवाते रहे और बिना किसी कानूनी कार्रवाई व पोस्टमार्टम के शव को निकालकर एक धर्मिक स्थल में ले जाने का भी प्रयास किया गया, लेकिन सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. गगनदीप सिंह ने परिजनों को शव ले जाने नहीं दिया।
सिविल अस्पताल के डॉ. सनमान द्वारा दोपहर के बाद सपेरे का पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
घर में सांप से खेल रहा था जसवंत नगर का सपेरा
शाम को 4.30 बजे गमगीन माहौल में सपेरे का अंतिम संस्कार किया गया। जानकारी के अनुसार जसवंत नगरी निवासी करीब 28 वर्षीय संजय कुमार को बचपन से ही सांपों को पकड़ने का शौक था। इसलिए पिछले 10 वर्षों से वह अबोहर व आसपास के क्षेत्र से जहरीले सांप पकड़कर घर लाता था और एक-दो दिन उन्हें घर में रखने के बाद छोड़ देता था।
संजय के परिजनों ने बताया कि वह दो दिन पहले एक जहरीला सांप पकड़कर लाया था। जिसे उसने घर में रखा हुआ था। वीरवार शाम करीब 6 बजे जब वह घर में सांप से खेल रहा था तो इसी दौरान सांप ने उसे डंस लिया। जिससे उसकी मौत हो गई। यहां थाना सिटी टू पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाने के बाद परिजनों के बयानों पर 174 की कार्रवाई करते हुए शव परिजनों को सौंप दिया।
तीन बच्चों का बाप था संजय सपेरा
मृतक के परिजनों ने बताया कि संजय कुमार के माता-पिता की मौत हो चुकी है। परिवार की हालत इतनी नाजुक हैं कि संजय सांप पकड़ता था और उसकी पत्नी घरों में काम करती थी। इसके अलावा संजय का भाई भी दिहाड़ी-मजदूरी करता था। संजय एक बेटे और दो बेटियों का बाप था। उसकी मौत के बाद बच्चे अनाथ हो गए हैं और उनकी देखभाल की जिम्मेदारी उसकी पत्नी पर आ गई है।

संजय कुमार (फाइल फोटो)
आधे घंटे में इलाज करवाना जरूरी : एसएमओ
एसएमओ डॉ. गगनदीप सिंह ने कहा कि सांप के डंसने के बाद उसका असर अलग-अलग तरीके से होता है, जैसे कुछ मामलों में मरीज के सीधे दिमाग में जहर जाने से उसकी जल्दी मौत हो जाती है। इसलिए अगर किसी को भी सांप डसता है तो उसे आधे घंटे में इलाज करवाना जरूरी है।
ऐसा करने से मरीज के बचने के चांस बहुत ज्यादा हो जाते हैं। अगर सपेरे के परिजन अंधविश्वास से निकलकर उसे इलाज के लिए सीधा सिविल अस्पताल में लाते तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।
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