जिला प्रशासन ने लंबे समय बाद प्रशासनिक मशीनरी में कई फेरबदल हुए हैं। एक ही सीट पर कई सालों से जमे रीडर, स्टेनो सहित कई कर्मचारियों को इधर से उधर किया गया है। 3 साल से डीसी के पीए रहे अंकित शर्मा को शाहकोट भेज दिया गया। वहीं 4 साल से अधिक समय से नाजिर बने महेश कुमार को तहसील में लगा दिया गया है।
डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी के द्वारा ये बड़े फेरबदल किए गए हैं। डीसी कांप्लेक्स में व्यवस्था के लगभग सभी कार्यों को नाजिर के द्वारा ही देखा जाता है। ऐसे में अफसरशाही में बदलाव होने के बाद तहसील के कर्मचारी जुगाड़ लगाकर नाजिर बनने में लग जाते हैं। नए फेरबदल में अशोक कुमार को नाजिर बनाया गया है। एडीसी (जनरल) के रीडर रहे राकेश अब डीसी के रीडर बन चुके हैं। वहीं यहीं पर तैनात रहे स्टेनों अमनदीप को सब-रजिस्ट्रार-टू के यहां भेज दिया गया है।
मनमाने तबादलों से यूनियन खफा
सरकारी विभागों के कामों में तेजी लाने के लिए डीसी ने आते ही अपने कार्यालय का विस्तार किया था। इसके बाद से लगातार परिवर्तन का दौर चल रहा है। हालांकि कर्मचारी यूनियन के सदस्य मनमाने तरीके से सीट परिवर्तन का आरोप लगा रहे हैं। आरोप है कि सरकार के कर्मचारियों के ट्रांसफर नहीं किए जाने के आदेश के बावजूद बैकडेट में तबादले किए गए हैं।
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