
कृषि बिलों में मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी) का मुद्दा मैक्सिमम सपोर्ट पॉलिटिक्स तक पहुंच गया है। इस महामारी में किसान सड़क पर हैं और राजनीतिक दलों में सबसे बड़ा किसान हितैषी बनने की होड़ लगी है। सोमवार को केंद्र ने किसानों को साधने की कोशिश की और एक माह पहले 6 रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया। एनडीए के सहयोगी अकाली दल ने गेहूं की एमएसपी को कम बताया। आप नेता गवर्नर से मिले, कांग्रेस सांसद तो राष्ट्रपति भवन तक जा पहुंचे। उधर, उपसभापति ने 8 सांसद निलंबित कर दिए।
केंद्र ने एक माह पहले बढ़ाया एमएसपी, गेहूं पर 50 और सरसों पर 225 रुपए बढ़े
कृषि विधेयकों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों में किसानों का प्रदर्शन और संसद में विपक्ष का विरोध जारी है। इस बीच, केंद्र सरकार ने एक महीने पहले ही मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी) बढ़ाकर चौका दिया है। अमूमन अक्टूबर में एमएसपी बढ़ाया जाता है। केंद्र ने गेंहू, चना, जौ, मसूर, सरसों और कुसुम फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का एलान किया है। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला लिया है।
अगले सीजन से गेहूं का समर्थन मूल्य 50 रुपए प्रति क्विंटल बढ़कर 1,975 रुपए क्विंटल होगा। तोमर ने सदन को फिर से भरोसा दिया कि समर्थन मूल्य की प्रक्रिया जारी रहेगी। तोमर ने कहा,’ किसानों के हित में यह मोदी सरकार का लिया गया एक और निर्णय है। उन्होंने भरोसा दिया है कि एमएसपी जारी रहेगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद जारी रहेगी और बढ़ी दरों से किसानों को 106% तक लाभ होगा। सबसे ज्यादा 300 रुपए समर्थन मूल्य मसूर का बढ़ाया गया है।
25 को पंजाब-हरियाणा समेत पांच राज्यों में बंद
कृषि कानूनों को निरस्त कराने को किसान संगठनों ने सोमवार को प्रदर्शन, रेल रोको आंदोलन व 25 से पंजाब बंद को लेकर रणनीति बनाई। भाकियू के नेता हरमीत सिंह कादियां ने बताया, रेल रोको व बंद केवल पंजाब में ही नहीं होगा। हरियाणा, यूपी, हिमाचल, राजस्थान और एमपी के किसान संगठनों ने 25 के बंद पर सहमति दी है।
उन्होंने कहा, हमें किसी दल की जरूरत नहीं। हम अपनी लड़ाई खुद लड़ेंगे। सोमवार को कई जिलों में पंचायतों ने कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर एक सुर में कहा कि जब तक किसान विरोधी कानून रद्द नहीं हो जाते किसान पीछे नहीं हटेंगे। उधर, आप पार्टी पंजाब ने बंद का पूर्ण समर्थन किया है। आप के विधायक राज्यपाल से भी मिले।
पंजाब के सांसदों की राष्ट्रपति भवन के सामने पुलिस से झड़प, कैंडल मार्च निकाला
राज्यसभा में रविवार को हुए हंगामे के सिलसिले में सभापति वेंकैया नायडू ने सोमवार को 8 विपक्षी सांसदों को एक हफ्ते के लिए सदन से निलंबित कर दिया। निलंबित सांसदों में तृणमूल के डेरेक ओ’ब्रायन और डोला सेन, कांग्रेस के राजीव सातव, रिपुन बोरा और सैयद नजीर हुसैन, आप सांसद संजय सिंह, सीपीएम सांसद केके रागेश और इलामारन करीम शामिल हैं। वहीं पंजाब के 4 सांसदों रवनीत सिंह बिट्टू, गुरजीत औजला, चौधरी संतोख सिंह व जसबीर सिंह डिंपा की कृषि बिल के विरोध में राष्ट्रपति भवन की ओर कैंडल मार्च निकालते वक्त दिल्ली पुलिस से झड़प हो गई।
राष्ट्रपति से मिले शिअद नेता, विधेयकों पर मुहर नहीं लगानेे की अपील
कृषि विधेयकाें काे लेकर शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने साेमवार काे राष्ट्रपति से मुलाकात कर विधेयकों पर हस्ताक्षर न करने की अपील की। सुखबीर बादल ने बताया, ‘शिअद के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से अपील में कहा कि किसान विरोधी बिल संसद को वापस भेज दिया जाए।
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