
केंद्र सरकार के कृषि विधेयकों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) ने मुक्तसर के गांव बादल और पटियाला के पुड्डा ग्राउंड में चल रहे धरने वें दिन में प्रवेश कर गए। संगरूर में किसानों ने और फिरोजपुर में कांग्रेसियों ने धरना प्रदर्शन किया। जालंधर में कांग्रेस ने मोदी सरकार का पुतला फूंका।
इसके अलावा भी प्रदेश के कई जिलों में किसानों और कांग्रेस और आप नेताओं ने अलग-अलग प्रदर्शन किए। किसान संगठन के अध्यक्ष, जोगिंदर सिंह उग्राहां और महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने केंद्र सरकार पर साम्राज्यवादी निगमों का दलाल होने का आरोप लगाया और कहा कि केवल राज्यसभा सदस्यों द्वारा मौखिक सहमति से हाथ उठाकर बिल पास करने से भारत का लोकतंत्र नष्ट हो गया है।
बाव में इन अध्यादेशों को पारित कर दिया गया है। युवाओं ने कहा कि अब हम संगठन के नेतृत्व में अपने किसानों और बुजुर्गों के साथ संघर्ष में बढ़चढ़कर भाग लेंगे और इस कानून को निरस्त करना जारी रखेंगे। धरने पर बैठे किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि कानून पूरे कृषि बाजार को स्थानीय और विदेशी साम्राज्यवादी निगमों को सौंपने और कृषि योग्य भूमि को हड़पकर बड़े कॉर्पोरेट फार्म बनाने का एक उपकरण था और छोटे और मध्यम किसानों के लिए मौत का वारंट था।
इसके बावजूद से पारित किया गया। उन्होंने दावा किया कि किसान और संघर्षरत जनता इन कानूनों के खिलाफ एक लंबे संघर्ष को तैयार हैं, चाहे इसके लिए कितनी भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। किसानों और मजदूरों के सभी प्रकार के ऋणों को खत्म करना और किसानों को कर्ज देने वाले कर्ज कानून को किसान समर्थक बनाना होगा।
वहीं, केंद्र सरकार द्वारा गेहूं, चना और चावल समेत 6 फसलों के एमएसपी बढ़ाने को किसान संगठनों ने लॉलीपॉप बताया है। उधर, एमएसपी को सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल ने नाकाफी बताया। भाजपा को छोड़कर एकसुर में सभी पार्टियां विरोध कर रही हैं। जबकि भाजपा ने एमएसपी बढ़ाने को पीएम मोदी का स्वागत योग्य कदम बताया है।
एमएसपी का पैतरा संघर्ष दबाने वाला कदम
केंद्र सरकार का यह पैतरा केवल किसानों के संघर्ष को दबाने के लिए किया गया कदम है। एमएसपी में यह बढ़ोतरी नाम मात्र है और किसानों के साथ केंद्र ने मजाक किया है। पार्टी किसानों के साथ डट कर खड़ी है। केंद्र सरकार के यह कृषि बिल किसानों को बर्बाद कर देंगे।
- हरपाल चीमा, आप नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष
एमएसपी बढ़ना स्वागत योग्य, पीएम ने पहले ही कहा था खत्म नहीं होगी
एमएसपी बढ़ाने के लिए पीएम मोदी का कदम स्वागत योग्य है। पीएम मोदी कई बार कह चुके हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म नहीं होगा। केंद्र की कृषि संबंधी नीतियों का विरोध कर रहे विपक्ष के मुंह पर यह तमाचे के समान है जो किसानों को गुमराह कर उन्हें प्रदर्शनों के लिए उकसा रहे हैं।
- अश्वनी शर्मा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
एमएसपी की मामूली बढ़ोतरी भाकियू को कतई मंजूर नहीं
केंद्र द्वारा की गई बढ़ोतरी संगठन को कतई मंजूर नहीं है। यह बिल्कुल स्पष्ट नहीं किया गया कि जब फसल तैयार होगी उस समय तक कितनी बढ़ोतरी की जाएगी। ये बढ़ोतरी लॉलीपॉप से अधिक कुछ नहीं है। किसान 25 को बंद की तैयारियां में जुटे हैं।
- बलबीर सिंह राजेवाल, प्रधान, भाकियू
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