
जिले के लोगों को कोरोना की महामारी के कारण जहां पिछले कई माह से अनेक परेशानियों का सामना किया है, वहीं कई तरह के बदलाव भी देखने को मिले हैं। ऐसा कोई काम नहीं है, जिस पर कोरोना वायरस के कारण कोई प्रभाव न पड़ा हो। इसके विपरीत कोरोना काल के दौरान सिविल अस्पताल में काफी सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं।
अस्पताल को वेंटिलेटर, नया आईसीयू, नए बेड और ऑक्सीजन सिलेंडर मिले हैं, इसके चलते मरीजों की सुविधाओं में इजाफा हुआ है। कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए अलग से आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। इसके अलावा गंभीर संदिग्ध मरीजों के लिए सारी सीवर एक्यूट रेसपिरेटरी इन्फेक्शन वार्ड बनाया गया है।
कोरोना काल के दौरान सिविल अस्पताल की करीब 30 साल से चली आ रही वेंटिलेटरों की मांग पूरी हुई है। सिविल अस्पताल को इस दौरान 4 वेंटीलेटर मिले हैं, इनमें से 2 इमरजेंसी और 2 आईसीयू में लगाए गए हैं। ज्ञात रहे कि साल 2016 में अस्पताल की नई इमारत का उद्घाटन किया गया था, लेकिन वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इससे पहले पुराने सिविल अस्पताल में भी इस सुविधा की लंबे समय से मांग चली आ रही थी, जो पूरी नहीं हो पाई थी।
ऑक्सीजन की खपत बढ़ी 50 जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर भी मिले
अस्पताल को कोरोना काल के दौरान ही 50 नए जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर मिले हैं। सिविल अस्पताल में सामान्य दिनों में 51 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन की खपत होती है, जबकि वर्तमान में 66 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन की खपत हो रही है, जोकि करीब 30 फीसदी ज्यादा है। पेशेंट बढ़ने की स्थिति में 20 छोटे सिलेंडर अतिरिक्त रखे गए हैं।
नया आईसीयू बनाया
इसके अलावा अस्पताल को इसी समय के दौरान नया आईसीयू मिला है, इसे अबरोल मेडिकल सेंटर ने तैयार कराकर अस्पताल को सौंपा है। इसके अलावा 50 नए बेड मिले हैं। पहले अस्पताल में 200 बेड थे, जो बढ़कर अब 250 पर पहुंच गए हैं।
यही नहीं कोरोना काल के दौरान ही अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड को ऑक्सीजन पाइपलाइन के साथ जोड़ा गया है। इसके अलावा तीन ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर मशीनें मिली हैं, जो आपात स्थिति में मरीजों के लिए वरदान से कम नहीं हैं।
अस्पताल में खाली हैं कई पद
सिविल अस्पताल में इस समय स्टाफ की काफी कमी है, इसमें डॉक्टरों के अलावा स्टाफ नर्सों व दर्जा चार कर्मियों के काफी पद खाली पड़े हैं। वर्तमान में अस्पताल में करीब 6 डॉक्टर, करीब 30 दर्जा चार कर्मी, 20 स्टाफ नर्सों की कमी है, इसे पूरा किया जाना जरूरी है।
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