
(अमित कुमार)
शहर में लोगों की सुविधा के लिए सिटी बस शुरू की गई और 120 बसें खरीदी गईं। मगर 62 बसें ही सड़क पर उतारी गई। वहीं, पिछले कुछ सालों से रूट भी धीरे-धीरे घटते जा रहे हैं। इसके पीछे अहम वजह नगर निगम और कॉन्ट्रेक्टर में किराया बढ़ाने को लेकर विवाद है। इसी चक्कर में ताजपुर रोड वर्कशॉप में 37 नई बसें खड़ी कबाड़ हो गईं। इन पर 16 करोड़ खर्च किए गए थे। ये बसें एक बार भी सड़क पर नहीं उतारी गईं। बसों के टायरों में घास उग चुकी है। बैटरियां-सामान चोरी और सीटें फट चुकी हैं।
ये लो फ्लोर बसें बड़ी होने के कारण शहर की तंग सड़कों पर चल पाने में असमर्थ हैं। निगम ने 2015 में निजी कंपनी को 83 बसें कॉन्ट्रेक्ट पर दी थी। करीब 62 ही सड़क पर दौड़ पाई। निगम ने साल 2011 में लुधियाना सिटी बस लिमिटेड कंपनी बना सेवा शुरू की थी। कुछ वक्त तो निगम ने ये बसें खुद चलाईं, लेकिन बाद में ठेका निजी कंपनी को दे दिया गया। कंपनी को 83 बसें हैंडओवर की थीं। 11 रूटों पर सेवा चलानी थी, लेकिन धीरे-धीरे घाटे वाले रूट बंद होते गए। लॉकडाउन से पहले 4 रूट चल रहे थे, मगर अब 2 रूट पर ही बसें चल रही हैं।
कंपनी को सिर्फ 83 बसें ही दी गईं
निगम ने जवाहर लाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्युअल मिशन के तहत कुल 120 बसें खरीदी थीं। एक मिनी बस की कीमत 16 लाख रुपए, नॉन एसी लो फ्लोर बस की कीमत 50 लाख और लो फ्लोर एसी बस की कीमत 84 लाख रुपए है। इसमें से कंपनी के पास 83 बसें हैं, जबकि 37 बसें निगम की वर्कशॉप में खड़ी हैं।
पूरे रूट पर सर्विस नहीं
कोरोना से पहले 4 रुटों पर बसें चलती थी, जबकि अब 2 रूट पर ही चल रही हैं। मेहरबान रूट पर सीवरेज का काम चल रहा है। इस कारण बस सर्विस बंद है। साहनेवाल रूट जारी है। बस स्टैंड से मेट्रो आधी बसें चल रही हैं।
निगम-कॉन्ट्रेक्टर में किराया बढ़ाने के लिए खींचतान: कंपनी किराया बढ़ाने पर पिछले 4 साल से दबाव डाल रही है। मगर निगम इस पर राजी नहीं। निगम अफसरों का कहना है कि जब से कंपनी को बसें हैंडओवर की हैं, उन्होंने किराया नहीं दिया। उधर, कंपनी का दावा है उन्होंने 2 साल किराया दिया है। जब बसें ली थी, तब 48 रुपए डीजल का दाम था, अब दाम लगभग डेढ़ गुना से ज्यादा बढ़ चुके हैं। ऐसे में उन्हें घाटा पड़ रहा है। इसके बाद निगम ने कंपनी को टर्मिनेशन नोटिस जारी किया था। इसके खिलाफ कंपनी कोर्ट में चली गई और मामला विचाराधीन है। अब कंपनी ने कोर्ट से किराया बढ़ाने के लिए मंजूरी मांगी है।
4 साल से किराया बढ़ाने को कह रहे : डायरेक्टर
^83 बसों में से 62 चालू हालत में हैं। जबकि 17 बसें ही चल रही है। बाकी बसें भी सही हालत में हैं। शेष रूट पर भी जल्द बसें शुरू करेंगे। बसों का किराया बढ़ाने के लिए निगम को 2016 में ही कह दिया था।
-जसकीरत सिंह, डायरेक्टर, होराइजन ट्रांसवे
अफसरों से तलब की रिपोर्ट : मेयर
सिटी बसें को लेकर मीटिंग की जा रही है। अफसरों को रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है, ताकि इसे दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सके।
-बलकार सिंह संधू, मेयर
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