बलरामपुर जिले में सिंचाई योजनाओं में गड़बड़ी की जांच के लिए 14 बिन्दुओं पर जानकारी मांगी गई है। संबंधित अधिकारियों को जांच दल को जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया है। 4 नवंबर को टीम कार्यालय में जांच के लिए जाएगी। सिंचाई योजनाओं की राशि निर्माण कार्यों की बजाय दूसरे मदों में खर्च कर दी गई है। दैनिक भास्कर ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। कलेक्टर ने मामले की जांच के लिए टीम गठित की थी। विधायक ने मामले में गड़बड़ी की शिकायत की थी। आरोप है कि निर्माण कार्यों की राशि में से डेढ़ करोड़ रुपए तो केवल स्टेशनरी फोटो कॉपी और टायपिंग पर खर्च किए गए हैं। इसी तरह से 980 किमी रोज के हिसाब से 16 लाख रुपए डीजल पर खर्च बताया गया है। वहीं निर्माणाधीन गागर परियोजना में अगस्त 2019 में ढाई करोड़ रुपए का फर्जी भुगतान हुआ है जबकि मिट्टी का काम बरसात में कराना संभव नहीं है। इसी कार्य में फिर नवंबर 26 लाख रुपए का भुगतान बताया गया है। फरवरी 2020 में सवा करोड़ व मार्च में डेढ़ करोड़ का फर्जी भुगतान दर्शाया गया है। अप्रैल में जब लॉकडाउन के दौरान दफ्तर बंद थे तब साढ़े तीन करोड़ का भुगतान किया गया है।
इन बिन्दुओं पर मांगी गई जानकारी
प्रभारी कार्यपालन अभियंता रामजी पटेरिया कब से कब तक प्रभार में रहे। उनके कार्यकाल का ओरिजनल कैश बुक व समस्त मैनुअल व्हाउचर, नेट से प्राप्त व्हाउचर, माप पुस्तिकाएं एवं ग्राफ मापपुस्तिकाएं, महालेखाकर से प्रस्तुत किए गए एकाउंट के फाइल, सप्लाई आदेश की फाइल, ठेकेदारों को किए गए भुगतान, सप्लाई बिल भुगतान का वाउचर की जानकारी मांगी गई है।
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