
भूपेश केशरवानी | कटोरा तालाब के सौंदर्यीकरण के बाद यहां से लगे 3 एकड़ में गार्डन डेवलप करने के मामले में नगर निगम ने बड़ा कारनामा अंजाम दिया है। इस गार्डन के लिए 94 लाख रुपए विधायक निधि से नगर निगम को मिले और गार्डन का काम शुरू करवा दिया गया। लेकिन पैसे इस तरह फूंके गए कि आधा गार्डन यानी डेढ़ एकड़ हिस्से में ही संरचनाएं डेवलप की जा सकीं और पैसे खत्म हो गए। यही नहीं, पूरे पैसे खत्म करने के बाद गार्डन से बची डेढ़ एकड़ जमीन को निगम अफसरों ने ऐसे ही छोड़ दिया। गार्डन से लगे इस ऊबड़-खाबड़ प्लाट में अब मलमा और कचरा फेंका जाने लगा है।
तेलीबांधा तालाब की तरह निगम और स्मार्ट सिटी ने कटोरातालाब को भी डेवलप किया है। इस तालाब में वाॅक करने के लिए बहुत अधिक जगह नहीं है, इसलिए लोगों ने 2016 में मांग की थी कि यहां गार्डन बनाया जाना चाहिए। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल तब भी इसी क्षेत्र के विधायक थे। उन्होंने लोगों की लगातार मांग को देखते हुए तीन साल पहले विधायक निधि से 94 लाख रुपए गार्डन के लिए मंजूर किए और रकम भिजवा दी गई। इस पैसे से करीब तीन एकड़ के मैदान को गार्डन के रूप में विकसित करने का काम होना था, लेकिन 2018 तक काम शुरू नहीं हुआ और चुनाव आ गए। चुनाव के बाद ही इस गार्डन का काम शुरू किया गया।
प्लान ही बदल डाला
94 लाख में निगम को 3 एकड़ का गार्डन डेवलप करना था, लेकिन काम शुरू होने के कुछ दिन बाद निगम ने प्लान बदला और आधे यानी डेढ़ एकड़ पर ही गार्डन डेवलप करके पूरे पैसे खत्म कर दिए। तर्क यह दिया गया कि कुछ लोग इस डेढ़ एकड़ को खेल मैदान के रूप में बचाए रखने चाहते हैं। भास्कर की पड़ताल में पता चला कि यह पूरा काम मौखिक तौर पर ही हो गया। प्लान बदलने और डेढ़ एकड़ जमीन खाली छोड़ने की बात दस्तावेजों में आई ही नहीं। निगम चुनाव से पहले निगम अफसरों ने आनन-फानन में आधे गार्डन का लोकार्पण करवा दिया। भास्कर ने इस बारे में पूर्व ठेकेदार अनिल चाैहान से बात की तो उन्होंने कहा कि जितना काम कहा गया था, उतना करके निगम को सौंप दिया।
80 लाख खर्च की जानकारी : प्रमोद
पूर्व महापाैर और वार्ड के मौजूदा कांग्रेस पार्षद प्रमाेद दुबे ने कहा कि गार्डन के आधे हिस्से काे बनाने में 80 लाख खर्च हुए और 13 लाख रुपए लैप्स हो गए, मुझे यह जानकारी है। मैंने दोबारा फाइल चलवाई और बाकी रकम वापस लाकर मैदान पर कुछ काम शुरू करवाया है।
20 परिवार कर रहे मेंटेनेंस
सितंबर 2020 से गार्डन का रखरखाव माेहल्ले के करीब 20 परिवार कर रहे हैं। मेंटनेंस के लिए हर घर से 300 रुपया महीना लिया जाता है। इस बारे में जाेन-4 कमिश्नर विनय मिश्रा ने यह कहकर हाथ झाड़ लिए कि उनके समय का काम नहीं है, इसलिए फाइल देखनी होगी।
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