
बस्तर दशहरा में शामिल होने दंतेश्वरी माई की डोली और छत्र शनिवार को जगदलपुर के लिए रवाना हो गए हैं। कोरोना के कारण इस बार 39 पुजारी, सेवादार व नर्तक दल के 20 सदस्य को ही जाने की अनुमति मिली है।
इसके पहले इन सभी 59 लोगों की शुक्रवार को कोरोना जांच हुई। सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। शनिवार को डोली रवानगी के वक्त परंपरानुसार विधि-विधान से पूजा अर्चना की गई।
मंदिर के प्रधान पुजारी हरेंद्रनाथ जिया, कलेक्टर दीपक सोनी ने सपरिवार, एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव, दीपक कर्मा सहित अन्य लोगों ने माईजी की पूजा की। परंपरानुसार जवानों ने डोली को सलामी दी।
हर सालों के मुकाबले इस बार संख्या थोड़ी कम रही लेकिन भक्त जगह-जगह माता के दर्शन के लिए घरों से बाहर जरूर निकल रहे थे।
तहसीलदार यशोदा केतारप ने बताया कि जितने भी लोग डोली व छत्र के साथ जगदलपुर गए हैं, सभी 59 लोगों की कोरोना जांच की गई थी। सभी की रिपोर्ट निगेटिव है।
12 पॉइंट्स पर रोकने की अनुमति
दंतेवाड़ा से रवाना होने के बाद जगदलपुर तक सबसे महत्वपूर्ण 12 जगह ही रोककर पूजा की अनुमति है। हालांकि प्रशासनिक अफसरों का कहना है इसके अलावा भी यदि कहीं भक्त पूजा के लिए पहुंचते हैं तो उन्हें नहीं रोका जा रहा है।
मंदिर के प्रधान पुजारी हरेंद्र नाथ जिया ने बताया कि जितने पड़ावों में माताजी के विश्राम की परंपरा वैसे ही रहेगी।
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