
अक्टूबर के 21 दिनों में राजधानी में 5565 मरीज मिले हैं, जबकि 1 से 21 सितंबर तक 16856 मरीज मिले थे। यानी सितंबर की तुलना में अभी तक 21 दिनों में केवल 33 फीसदी मरीज मिले हैं। मतलब सितंबर की तुलना में अक्टूबर में 67 फीसदी कम मरीज मिले हैं। यही नहीं, सितंबर के 21 दिन में राजधानी में कोरोना ने 230 लोगों की जान ली थी, जबकि अक्टूबर में अब तक 101 लोगों की जान गई है। इस तरह, मौतों के मामले में भी फिलहाल 56 प्रतिशत की कमी नजर अा रही है। विशेषज्ञों का दावा है कि अक्टूबर और नवंबर के शुरुआती पखवाड़े तक मरीजों की संख्या इसी के आसपास रहेगी। इसके बाद ठंड बढ़ेगी, तब कोरोना संक्रमण भी बढ़ सकता है।
राजधानी के लिए अक्टूबर राहत लेकर आया है। 21 दिनों में रोजाना मरीजों की संख्या 400 से कम रही है। जबकि सितंबर में अधिकतम 1000 से 1100 मरीज रोजाना मिल चुके हैं। विशेषज्ञों ने पहले ही इस बात की संभावना व्यक्त की थी कि सितंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह से रायपुर में मरीज कम हो सकते हैं। हुआ यही भी। मरीज कम मिलने का असर यह है कि सरकारी व निजी अस्पतालों के अलावा कोरोना केयर सेंटर में बेड खाली है। यही नहीं रायपुर में 4 कोरोना केयर सेंटर बंद हो चुके हैं। राहत की बात यह है कि सामुदायिक कोरोना सर्वे अभियान में भी रायपुर में महज 288 लोग पॉजिटिव मिले थे। यह कोरोना का संक्रमण कम होने के संकेत हैं। हालांकि अभी संकट टला नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि दशहरा के बाद मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। इसलिए लापरवाही के बजाय पूरी एहतियात बरतने की जरूरत है।
सीरो सर्वे ने बढ़ाई आशंका
सीरो सर्वे में राजधानी में केवल 13 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी मिली थी। यानी ये लोग बिना इलाज के कोरोना से ठीक हो गए। दूसरे शब्दों में ये लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। बाकी 87 फीसदी लोगों ने कोरोना वायरस का सामना नहीं किया है। इसलिए संक्रमण की आशंका है। विशेषज्ञों को आंकड़ा चौंकाने वाला लगा। दरअसल राजधानी में जिस तरह से रोजाना 1000 से 1100 मरीज मिल रहे थे, उससे लग रहा था कि यहां 40 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी मिल सकती है। हालांकि विशेषज्ञों का आकलन सही नहीं बैठा।
सितंबर की तुलना में 44% मौतें
अक्टूबर के 21 दिनों में राजधानी में 101 लोगों की मौत हुई है। जबकि सितंबर में इसी दौरान 230 लोगों ने जान गंवाई थी। इस हिसाब से सितंबर की तुलना में 44 फीसदी मौत हुई है। दूसरे शब्दों में 56 फीसदी कम मौत हुई है। अक्टूबर में अभी तक रोजाना औसतन तीन से पांच लोगों की मौत हो रही है।
एक्सपर्ट व्यू
"अगस्त- सितंबर की तुलना में अक्टूबर में राजधानी में कोरोना के कम मरीज मिल रहे हैं। यह राहत भरी खबर है। इसका मतलब यह नहीं है कि सावधानी छोड़कर लापरवाही बरती जाए। आने वाले दिनों में केस बढ़ने की आशंका है।"
-डॉ. विष्णु दत्त, डीन नेहरू मेडिकल कालेज
"21 दिनों में जो मरीज मिले हैं, वे भी ज्यादा सीरियस नहीं है। आने वाले दिनों में संक्रमण बढ़ सकता है। इसके लिए सभी को तैयार रहना होगा। डरने के बजाय जरूरी सावधानी बरतने की जरूरत है।"
-डॉ. अब्बास नकवी, सीनियर फिजिशियन
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