
सात माह के बाद खुले स्कूलों में अध्यापकों ने कोविड-19 सावधानियों व नियमों का पालन करने का आग्रह करते हुए फ्लेक्स बोर्ड लगाए। छात्रों को अपने तरीके से बधाई दी गई और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। जिला शिक्षा अधिकारी सरबजीत सिंह तूर और उप जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक हरकंवलजीत कौर ने कहा कि विभागीय आदेशों के अनुसार जिले के सभी स्कूलों में छात्रों को अभिभावकों की लिखित सहमति से स्कूल आने की अनुमति होगी। बुखार, खांसी या जुकाम से पीड़ित छात्रों को स्कूल नहीं आने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि छात्रों का स्वास्थ्य उनकी पहली प्राथमिकता थी। विभाग के जारी एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) के बारे में सभी स्कूल प्रमुखों, शिक्षकों और छात्रों को पहले से सूचित कर दिया गया है। इन निर्देशों का पालन करने में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शिक्षा अधिकारियों ने कहा कि सभी स्कूल प्रमुखों ने एसओपी के अनुसार स्कूल भवन तैयार किए हैं और हर स्कूल में क्विड मॉनिटर भी लगाए हैं।
जिले के तमाम स्कूलों में 9वीं से लेकर 12वीं तक बच्चे हाजिर हुए। लेकिन पहले दिन आने वालों की संख्या बेहद कम थी। सरकार की तरफ से हाजरी जरूरी नहीं की गई है। जिसके चलते बेहद कम छात्र आए। सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखकर सभी को बिठाया गया। बरनाला के सरकारी स्कूल में आने वाले हर मनजोत, हरजीत सिंह, सिमरन सिंह, बलवंत कौर, राजदीप सिंह ने कहा कि वह ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। लेकिन ऑनलाइन शिक्षा से उन्हें अच्छी तरह से पढ़ाई नहीं हो रही थी। स्कूल में आने का अनुभव उनका बेहद सुखद है। कोविड-19 में एक बार तो ऐसा लगा था कि अब वह फिर से कभी स्कूल जा ही नहीं सकेंगे।
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