
26 अक्टूबर को शहर में धूमधाम से माता दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। विसर्जन में डीजे तथा बैंड बजाने की छूट पहले ही मिल चुकी थी जिसके चलते समितियों ने विसर्जन धूमधाम से किया। पहले विसर्जन में डीजे तथा बैंड बजाने पर प्रतिबंध था जिसका संगठनों ने विरोध किया था जिसके बाद विसर्जन में डीजे तथा बैंड बजाने छूट दी गई थी।
कांकेर शहर में 10 स्थानों पर माता दुर्गा प्रतिमा स्थापित की गई थी। 26 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन धूमधाम से किया गया। नगरपालिका ने पहले शहर के मेलाभाठा तालाब व शीतलापारा स्थित शीतला तालाब को दुर्गा विसर्जन के लिए निर्धारित किया था लेकिन 26 अक्टूबर को उक्त दोनों तालाबों के अलावा भंडारीपारा के मारादेव तालाब व ऊपरनीचे रोड स्थित डडिया तालाब में भी विसर्जन किया गया। सभी तालाबों में नगर सेना के गोताखोर तथा पुलिस कर्मी व नगरपालिका कर्मचारी तनात थे। अघननगर दुर्गोत्सव समिति ने धूमधाम से डीजे के साथ माता दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन किया। विसर्जन यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई।
श्रीश्री महागौरी दुर्गाेत्सव समिति श्यामानगर, जनकपुर वार्ड ने भी धूमधाम से माता दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया। समिति से जुड़ी महिलाऔ ने भी बच्चों, युवाओं के साथ रास्ते भर नृत्य किया। बाजारपारा दुर्गोत्सव समिति ने भी विसर्जन यात्रा डीजे के साथ निकाली। भंडारीपारा के जय मा अंबे दुर्गोत्सव समिति ने मारादेव तालाब में विसर्जन किया।
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