
(मनप्रीत कौर) कोरोना महामारी के चलते इस बार शाही तरीके से मनाए जाने वाले दशहरा की धूम नहीं होगी, क्योंकि दशहरा पारंपरिक तरीके से नहीं मनाया जाएगा। इस बार रामलीला का आयोजन नहीं होगा और न ही रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के बड़े-बड़े पुतले जलाए जाएंगे।
पहले जहां 2 महीने पहले ही तैयारियां शुरू हो जाती थीं, वहीं अब कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण इस बार आयोजकों ने दशहरा पारंपरिक तरीके से न मनाने का निर्णय लिया है। शहर के प्रमुख आयोजकों ने सार्वजनिक आयोजन रद्द कर दिए हैं। जबकि रावण दहन के लिए प्रशासन की गाइडलाइन का इंतजार है। इस बार 25 अक्टूबर को दशहरा है।
17 से 26 अक्टूबर तक रामायण पाठ
श्री रामलीला कमेटी दरेसी के दिनेश मरवाहा ने बताया कि 17 से 26 अक्टूबर तक शाम 4 से 6 बजे तक सीता माता मंदिर और धर्मशाला राम लील मैदान दरेसी में रामायण पाठ होगा, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सदस्य हाजिरी लगाएंगे। रावण दहन के लिए सरकार की गाइडलाइन का इंतजार है।
लोगों की जान की सुरक्षा पहले
द फोकल पॉइंट दशहरा कमेटी के प्रधान सुशील बेदी ने बताया कि हर साल दशहरा पर हजारों की संख्या में भीड़ जमा होती है। ऐसे में संक्रमण फैलने का डर बना रहेगा। लोगों की जान की सुरक्षा पहले है। जब तक कोरोना संक्रमण पर पूरी तरह से कंट्रोल नहीं हो जाता है तब तक दशहरा मेले का आयोजन नहीं करना ही सुरक्षित है।
लोगों को घरों में रहने की अपील
बसंत एवेन्यू दशहरा और रामलीला कमेटी के जनरल सेक्रेटरी कपिल जिंदल ने बताया कि कोरोना संक्रमण से लोगों की सुरक्षा के लिए दशहरा पर सार्वजनिक आयोजन रद्द करने का निर्णय लिया गया है। कमेटी के सदस्य अपने अपने घरों में ही दशहरा पूजन करेंगे। कमेटी की तरफ से लोगों को घरों में रहने की अपील की गई।
भीड़ में खड़ा होना होगा खतरनाक
संजीव गुप्ता, जनरल सेक्रेटरी, अर्बन स्टेट रामलीला दशहरा कमेटी ने बताया कि इस बार दशहरा मेला आयोजित नहीं किया जाएगा। भले ही केसों में कमी आई है, लेकिन संक्रमण का खतरा टला नहीं है। इस वजह से दशहरा मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा। दर्शकों के लिए भीड़ में खड़ा होना खतरनाक हो सकता है।
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