
(हरदीप खालसा) गत रात्रि बर्तन की दुकान में घुसकर गाेलियां चलाकर एक व्यक्ति काे माैत के घाट उतारने व तीन लाेगाें काे घायल करने के आराेप में थाना सिटी मलोट पुलिस ने घायल हरपाल सिंह हैरी पुत्र अवतार सिंह के बयान पर गुरसेवक सिंह भट्टी नामक व्यक्ति के विरुद्ध कत्ल का मामला दर्ज किया है। घायल हैरी ने पुलिस को दिए बयानाें में बताया कि वह शाम सात बजे अपनी बर्तनों की दुकान पर बैठा था उसके पास उसका जीजा गगनदीप सिंह पुत्र करतार सिंह वासी दशमेश कॉलोनी बैठा था।
उसी समय एक व्यक्ति घर में दाखिल होकर उसकी पत्नी हरप्रीत कौर व माता गुरजीत कौर को गोलियां मारकर जख्मी कर दिया है। गोली चलाने वाला नौजवान आई-20 कार पर आया था। हैरी ने बताया गोली चलाने वाले नौजवान को मैं जानता हूं उसका नाम गुरसेवक सिंह भट्टी है। वह सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल लंबी में लगा है, जहां मेरी बहन हरप्रीत कौर वोकेशनल टीचर है और गुरसेवक लैब असिस्टेंट है।
हैरी के अनुसार गुरसेवक सिंह की उसकी बहन से स्कूल में किसी बात को लेकर तकरार हुई थी, जिससे गुस्से में आकर उसने इस वारदात को अंजाम दिया है। इस घटना में जतिंदर कुमार बबलू की मौके पर मौत हो गई, जबकि जख्मी हुए हैरी, गुरजीत कौर, हरप्रीत कौर को पहले मलोट व फिर बठिंडा के एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया जहां गुरजीत कौर की हालत गंभीर है।
एसएसपी के निर्देश पर आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापे
घटना का जायजा लेने पहुंचे सीनियर पुलिस कप्तान डी सुडरविली का कहना है कि पुलिस ने गुरसेवक सिंह के विरुद्ध कत्ल व इरादा कत्ल सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमों का गठन किया गया है।
डाक्यूमेंट्स को लेकर फोन पर दोनों की हुई थी बहस
टीचर हरप्रीत कौर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में वोकेशनल टीचर है जबकि गुरसेवक सिंह (28) सीनियर लैब असिस्टेंट है और हरप्रीत कौर (32) कभी कभार स्कूल वैन न आने के कारण इसकी गाड़ी में आ जाती थी। हरप्रीत के स्टाफ की दो लड़कियां जिनके पास कुछ डाक्यूमेंट की मांग की थी, जिस पर हरप्रीत कौर के साथ गुरसेवक सिंह की फोन पर बहस हुई थी, जिसे लेकर गुरसेवक सिंह ने उक्त घटना को अंजाम दिया।
दुकानदार को इलाज के लिए ले गए जबकि मेरे बेटे को वहीं छोड़ दिया, अगर अस्पताल ले जाते तो बच जाता
उधर दुकान कर्मचारी के वारिसों ने पहले अस्पताल में धरना दिया बाद में पुलिस मुखी को मिलने थाना सिटी आ गए और थाने के बाहर धरना देकर पुलिस की कारगुजारी पर सवाल खड़े किए। परिजनों ने जिला पुलिस मुखी से मिलने की मांग करने लगे। मृतक के भाई व ताया ने जिला पुलिस मुखी डी सुडरविली से बात करते रोष जाहिर किया कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते समय उनके बयान नहीं लिए गए, जबकि उनके लड़के का कत्ल हुआ है। इसलिए उनके बयान पर आरोपी के विरुद्ध मामला दर्ज होना चाहिए था।
दूसरा जख्मी दुकानदार को तुरंत अस्पताल ले लाया गया, जबकि उसके लड़के को तड़पता छोड़ दिया गया। अगर उसे सही समय अस्पताल ले लाया जाता तो उसकी जान बच सकती थी, जिसके बाद पुलिस मुखी ने परिवार को विश्वास दिलाया कि उन्हें इंसाफ दिलाया जाएगा।
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