
आम आदमी पार्टी की लीडरशिप द्वारा नवनियुक्त किए जिला सचिव अवतार सिंह ईलवाल ने अपनी नियुक्ति के तीसरे दिन ही पद से इस्तीफा दे दिया है। ईलवाल नए बनाए गए जिला इंचार्ज से खफा है। हालांकि उन्होंने एलान किया कि वह वालंटियर के तौर पर पार्टी में सेवाएं निभाते रहेेंगे।
अवतार सिंह ईलवाल ने कहा कि उन्होंने हमेशा पार्टी की बेहतरी के लिए काम किया है। लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान वह चुनाव प्रचार के चेयरमैन भी रहे। उन्होंने कहा कि सितंबर 2018 में जिला परिषद व ब्लाक समिति चुनाव में उन्होंने खुद मंगवाल जोन से कांग्रेस के उम्मीदवार को कड़ी टक्कर दी थी। जबकि अपने छोटे भाई जगविंदर सिंह को ब्लाक समिति का चुनाव लड़वाया था मगर पार्टी ने जिले के वालंटियरों की सलाह लिए बिना ऐसे व्यक्ति को जिला प्रधान बना दिया जिसने जिला परिषद के चुनाव में उभावाल जोन से कांग्रेस उम्मीदवार के मुकाबले अपना नामांकन वापस ले लिया था और कांग्रेस का उम्मीदवार विजेता हुआ था। ऐसा करके उन्होंने पार्टी की पीठ में खंजर घोंपा था।
अवतार सिंह ईलवाल ने कहा कि पार्टी के फैसले से कहीं न कहीं यह साबित हो रहा है कि पार्टी की पंजाब हाईकमान के लीडर पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की सोच के उल्ट रिवायती पार्टियों की तरह अपने फैसले थोप रही है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी की पीठ में खंजर घोंपने वाले व्यक्ति की जिला प्रधानगी अधीन काम नहीं कर सकते। इस कारण वह अपने जिला सचिव के पद से इस्तीफा दे रहे है। उन्होंने पार्टी हाईकमान से मांग की कि इस फैसले पर दोबारा विचार किया जाए।
किसी से कोई नाराजगी नहीं है : मोहिन्द्र सिद्धू
मोहिंद्र सिद्धू का कहना है कि पार्टी ने उनकी पार्टी प्रति वफादारी को देखते हुए ही पद सौंपा है, जिसके लिए पार्टी के आभारी है। जिला परिषद चुनाव के दौरान नामांकन वापस लिए जाने के मामले संबंधी पार्टी पूरी तरह से अवगत है। उनकी किसी से कोई नाराजगी नहीं है। वह पार्टी की बेहतरी के लिए काम करते रहेंगे।
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