राजधानी में सफाई व्यवस्था लचर इसलिए है क्योंकि सफाई ठेकेदार मुनाफाखोरी में व्यस्त हैं। वार्डों में सफाई के लिए जितने कर्मचारी तय किए गए हैं ठेकेदार उनसे काफी कम कर्मचारी लगाकर काम करा रहे हैं। इस वजह से शहर में यहां वहां गंदगी पड़ी रहती है। नालियों की सफाई, सड़कों की सफाई, कचरा नहीं उठना इत्यादि समस्याएं शहर में दिख रही हैं। शनिवार को भी निगम के अफसरों ने अलग-अलग वार्डों का आकस्मिक निरीक्षण किया।
इस दौरान बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारी अनुपस्थित मिले। सभी जगह सफाई ठेकेदारों के ठेके निरस्त करने के आदेश दिए गए हैं तथा सफाई सुपरवाइजर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। निगम के स्वास्थ्य अधिकारी विजय पाण्डेय ने जोन 6, 7 तथा 8 के सभी 7-7 यानी कुल 21 वार्डों का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान जोन 6 के 7 वार्डों में 83 सफाई कामगार ड्यूटी पर अनुपस्थित मिले। वहीं जोन 7 के 7 वार्डों में 42 व जोन 8 के 7 वार्डों में 51 सफाई कामगार निरीक्षण के दौरान ड्यूटी पर अनुपस्थित मिले।
स्वास्थ्य अधिकारी पाण्डेय ने सफाई कामगार अनुपस्थित मिलने पर जोन 6, 7, 8 के संबंधित जोन स्वास्थ्य अधिकारियों, वार्डों के सफाई सुपरवाईजरो, अनुबंधित सफाई ठेकेदारों पर नाराजगी जताई। नगर निगम मुख्यालय स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संबंधित जोन स्वास्थ्य अधिकारियों, वार्ड सफाई सुपरवाइजरों को निगम अधिनियम के तहत तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। वहीं संबंधित अनुबंधित सफाई ठेकेदारों का ठेका निरस्त करने तत्काल कार्यवाही करने निर्देशित किया गया है।
स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जोनो के वार्डों में सफाई व्यवस्था एवं सफाई कामगारों की उपस्थिति के आकस्मिक निरीक्षण आगे भी जारी रहेगा। स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि आज जोन 8 के वार्डों के आकस्मिक सफाई कामगार उपस्थिति के निरीक्षण के दौरान वार्ड 20 में 4, 19 में 2, वार्ड 2 में 15, वार्ड 1 में 12, वार्ड 21 में 5, वार्ड 70 में 8, वार्ड 69 में 5 सफाई कामगार ड्यूटी पर अनुपस्थित मिले।
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