
जशपुर में प्याज की बढ़ती बेतहाशा कीमतों के चलते लोग काफी परेशान हैं। नगर सहित आसपास के साप्ताहिक बाजार में प्याज 100 रुपए किलो तक पहुंच चुका है, जबकि थोक में यह 70 रुपए किलो बिक रहा है। कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में प्याज की कीमत और बढ़ सकती है। दाम बढ़ने से घर-परिवार में प्याज रोजाना खपत 70 प्रतिशत तक गिर गई है। अब तो हालात यह हैं कि कई बाजार से प्याज पूरी तरह से नदारद है।
हफ्ते भर बाद प्याज की कीमत में वृद्धि के साथ-साथ महंगाई को देखते हुए खपत कम होने से कीमतों में आई गिरावट की दूसरी सबसे बड़ी वजह स्टॉक लिमिट और आवक आधा होने को बताया जा रहा है। प्याज व्यापारी रामनाथ ने बताया कि कम पैदावार और बारिश के कारण बड़ी मंडी में प्याज की नियमित आवक नहीं हो रही है। प्याज की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी की वजह यही है।
शासन से माना दाम में बढ़ोतरी अप्रत्याशित
शासन ने प्याज की कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर को भेजे आदेश में कहा है कि राज्य स्तरीय कीमत निर्धारण सेल के विश्लेषण में स्पष्ट हुआ है कि एक माह में प्याज के खुदरा बाजार मूल्य में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। ऐसे में जिले में प्याज की उपलब्धता तथा खुदरा बाजार मूल्य की निगरानी की जाए। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के निर्देशों में कहा है कि प्याज के थोक एवं खुदरा व्यापारियों की तत्काल बैठक लेकर जिले में प्याज की उपलब्धता एवं मांग का आंकलन कर आवश्यकतानुसार प्याज की आपूर्ति की जाए। जिला स्तर पर प्याज की दैनिक आवक एवं खपत की नियमित समीक्षा की जाए। थोक व्यापारी प्रतिदिन प्याज का उपलब्ध स्टाक एवं थोक विक्रय मूल्य की जानकारी बोर्ड में लिखे।
जमाखोरों, कालाबाजारियों को मिली खुली छूट : साय
जिला भाजपा अध्यक्ष रोहित साय कहते है कि सरकार ने व्यापारियों, बिचौलियों व कांग्रेस से जुड़े अन्य व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उन्हें खुली छूट दे रखी है। यदि सरकार की नीयत साफ होती तो दामों पर नियंत्रण करने के लिए कोई ठोस प्रयास करती। सरकार दैनिक उपयोग में आने वाली खाद्य सामग्री की कीमतों से अपना नियंत्रण खो चुकी है, जिससे आम आदमी का जीवनयापन करना मुश्किल हो गया है।
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