
कृषि कानून के खिलाफ 31 किसान जत्थेबंदियों के आह्वान पर 1 अक्टूबर से शुरू किए धरने में किसानों, मजदूरों और कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। किसानों और सहयोगी जत्थेबंदियों ने रेलवे ट्रैक जाम किए और 4 भाजपा नेताओं के घरों के अलावा कारपोरेट के लूट के अड्डों समेत भाकियू (एकता उगराहा) ने दिन-रात के धरने को 6वें दिन भी जारी रखा।
जलालाबाद-फिरोजपुर रोड पर टूल प्लाजा का घेराव करके बैठे किसान नेताओं ने कहा कि समूह समाज इस संकट की घड़ी में अब किसानों की बाजू बनने लगा है। नेताओं ने कहा कि पंजाब की किसानी पहले ही मंदे के दौर में से गुजर रही है और ऊपर से केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से ऑर्डिनेंस जैसे किसान विरोधी बिल को पास करके पंजाब में किसानी को खत्म करन के लिए नए-नए तरीके अख्तियार किए जा रहे हैं।
कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए डटे किसान
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से लाए गए 3 ऑर्डिनेंस बिलों ने समूह किसान और मजदूरों की नींद हराम करके रख दी है। देश में अलग-अलग जत्थेबंदियों द्वारा इन बिलों का विरोध किया जा रहा है परन्तु केंद्र सरकार के कान पर जूं तक नहीं सरक रही।
मोदी सरकार पंजाब के किसानों को अपनी जागीर समझती है और आए दिन नए-नए कानून के पास करके किसानों को बड़े कॉरपोरेट घरानों की गुलाम बनाना चाहती है। जो किसान जत्थेबंदियां कभी होने नहीं देंगी। नेताओं ने देश के सभी कारोबारियों दुकानदारों, मजदूरों, कर्मचारियों को इस संघर्ष में शरीक होने का न्योता दिया जिससे किसानों की इस सांझ को ओर मजबूत बनाया जा सके।
इस मौके उन सरकारों को चेतावनी दी कि जब तक इन लोक विरोधी बिलों को रद्द नहीं किया जाता तब तक यह संघर्ष इसी तरह जारी रहेंगे। इस मौके जिला प्रधान गुरविन्द्र सिंह मन्नेवाला जिला सचिव, परमजीत सिंह घांगा, जिला उप प्रधान सतपाल सिंह भोडीपुर, सुरजीत सिंह रत्ताखेड़ा, जसवंत सिंह रता खेड़ा, हरमीत सिंह ढाबा ब्लाक प्रधान, सावन सिंह ढाबा, शेरसिंह चक्क सौदोके, तेजपाल सिंह मन्नेवाला, जसवंत सिंह अमीर खास, ईशान चंद अमीर खास, पाला बट्टी, बलदेव बट्टी, भुरान भट्टी, सुदर्शन सुला, जगतार सिंह ढाबा, दलजीत सिंह, जोगिन्द्र सिंह लाल खेड़ा, हरदीप चन्ना चक्क सौदेके, जगसीर सिंह, निर्मल सिंह, सुरिंद्र कुमार आदि वक्ताओं ने संबोधन किया।
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