
थानों में लंबे समय से पड़े केस प्राॅपर्टी के वाहन और मोबाइल की सुपुर्दगी के लिए शुक्रवार को गवर्नमेंट काॅलेज फाॅर गर्ल्स में कैंप लगाया गया। जहां पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने 239 वाहन(42 चौपहिया, 9 तीन पहिया, और 188 दो पहिया), 213 मोबाइल, पांच लैपटाॅप, 6 लाख 74 रुपए की नकदी मालिकों के सुपुर्द की। मगर हालात देखिए कि सालों से खड़े वाहनों का सामान गायब था तो महीनों पहले आए वाहनों को उनके मालिकों को घसीटकर ले जाना पड़ा।
वहीं, कई वाहनों के मालिक ही नहीं पहुंचे, जिसकी वजह से पुलिस को दोबारा वाहन लादकर थानों में पहुंचाने पड़े। इसके अलावा अगला वाहन सुपुर्दगी कैंप सभी थानों में लगाने के लिए 21 नंवबर का समय रखा है। सीपी ने चोरीशुदा वाहनों की डिटेल के लिए एप बनाने का दावा किया है, जिसका 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है और इससे किसी भी चोरीशुदा वाहन का पता चल सकेगा। गौर हो कि भास्कर ने शहर के विभिन्न थानों में कबाड़ हो रहे वाहनों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद पुलिस डिपार्टमेंट ने इसका संज्ञान लेकर ये पहल की है।ऐसा पहली बार हो रहा है कि केसों में पकड़े गए वाहनों को कैंप लगाकर उनके मालिकों को लौटाया जा रहा है।

फोटो खिंचा एक घंटे में कैंप खत्म, फिर सामान लेने थाने बुलाया
सुबह सवा 11 बजे कैंप की शुरूआत की गई। 11.30 बजे सीपी ने कैंप का उद्घाटन किया और कुछ वाहनों की चाबियां सौंपी। उनके जाने के आधे घंटे बाद ही करीब 12.32 बजे कैंप खत्म कर दिया गया। इसके बाद वाहनों को दोबारा ट्राॅलियों में लादकर थाने ले जाया गया। इसके अलावा कुछ थानों के टेबल पर लोगों की लाइन लगवा ली गई और एक-एक मोबाइल देने के बाद मोबाइल थैले में भर लिए गए और उन्हें थाने आकर सामान लेने को कहा।

लोग बोतलों में भरकर लाए पेट्रोल
कई वाहनों में पेट्रोल नहीं था। कोरोनाकाल के दौरान जब्त हुए वाहनों के मालिकों का कहना था कि जब गाड़ियों को जब्त किया गया था तो उनमें पेट्रोल या डीलज था। अब सुपुर्दगी के समय टंकी सूखी पड़ी थी। मजबूरन लोगों को बोतलों में भरकर तेल लाना पड़ा। जबकि पुलिस का कहना था कि एेसे ही वाहन मिले थे।
3 नवंबर को होगी नीलामी
पुलिस ने वाहनों की डिटेल भी जुटाई, फिर उनके मालिकों को फोन किया। ऐसे 2200 वाहनों की लिस्ट पुलिस के पास है। लेकिन उन्होंने वाहन लेने से इंकार कर दिया। क्योंकि उन्होंने अपने वाहन की इंशोरेंस क्लेम ले लिया था। उक्त सभी वाहनों की खुली नीलामी के लिए 3 नंवबर का दिन पुलिस लाइन में रखा गया है।
कैंप की शुरूआत कर दी गई है और अब आगे ये इसी तरह से चलेगा। जिन लोगों के सामान की दिक्कत है, वो पहले से ही इतना था। थानों से कुछ गायब नहीं हुआ है। जिनमें कमी थी, उसे दुरुस्त करवाया गया था। जिन वाहनों के मालिक नहीं आए, उन्हें थानों में वाहन सौंपे गए हैं। -राकेश अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर
भास्कर रियलिटी चेक... किसी का सामान गायब तो किसी में नहीं था पेट्रोल
प्लग का सैट बदल गया
विनोद कुमार ने बताया कि 2019 में बाइक चोरी हुआ था। कुछ दिन पहले फोन आया कि बाइक मिल गया है। जोकि उन्हें कैंप में मिलेगा। जब लेने पहुंचे तो बाइक के प्लग का पूरा सैट ही बदला हुआ है और टायर भी चेंज लग रहा है।
टंकी सूखी पड़ी थी
सुखप्रीत सिंह ने बताया कि मई में उसे मास्क न पहनने पर गिरफ्तार कर बाइक इंपाउंड किया गया था। अब बाइक लेने आए तो उनकी चाबियां ही नहीं थी, किसी की चाबी से टैंक खोला तो पता चला कि पेट्रोल नहीं था।
ऑटो की चाबी ही गायब
रमन कुमार ने बताया कि 20 दिन पहले उसके दोस्त ऑटो लेकर गए थे। ऑटो के आगे सवारी बैठाने पर पुलिस ने उसे बंद कर दिया था। अब जब वो ऑटो लेने के लिए आए, तो पता चला कि ऑटो की चाबी ही गायब है। अब उन्हें ऑटो घसीटकर ले जाना पड़ रहा है।
फोन के कवर में रखे 14 हजार गायब
ललित बाह्मण ने बताया कि दरेसी इलाके में उनका मोबाइल स्नैच हुआ था। जिसके कवर में 14 हजार रूपए भी थे। उन्हें मोबाइल तो पुलिस ने दे दिया, लेकिन उसमें पैसे नहीं थे। उन्होंने पुलिस से पैसे मांगे तो उसे डिविजन 3 में भेजा जा रहा है। जहां पुलिस ने पैसे न होने से साफ इंकार कर दिया।
थाने से फोन लेने को कहा
संदीप ने बताया कि 2019 में उससे मोबाइल छीना गया था। थाना डिविजन 2 ने मोबाइल रिकवर कर लिया था। मुलाजिमों ने कहा कि वो कैंप में ही मोबाइल देंगे, अब जब कैंप में आए तो लाइनों में खड़ा कर दिया गया। जिसके बाद तस्वीरें खिंचवाई और फिर भी मोबाइल न देकर थाने से मोबाइल ले जाने को कहा।
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