शुक्रवार को शरद पूर्णिमा के मौके पर लोगों ने खीर बनाकर अपने छतों पर रखा। ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा से अमृत की वर्षा होती है। इसे खीर में लेकर लोग आज सुबह प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगे।
हर साल शरद पूर्णिमा के दिन शहर के नजदीकी पिकनिक स्पाटों में भीड़ जमा होती है। पर इस वर्ष लोगों की भीड़ पिकनिक स्पाटों पर नहीं थी। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए लोगों ने अपने-अपने घरों में रहकर ही शरद पूर्णिमा मनाया। अधिकांश लोगों ने सुबह सूर्योदय के पूर्व स्नान किया।
वैज्ञानिक दृष्टि से भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद
शरद पूर्णिमा की रात वैज्ञानिक दृष्टि से भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। आयुर्वेद में चन्द्रमा से निकलने वाली किरणों में विशेष प्रकार के लवण व विटामिन होते हैं। जब यह किरणें खाने-पीने की चीजों पर पड़ती हैं तो उनकी गुणवत्ता और बढ़ जाती है। हालांकि मान्यता यह भी है कि शरद पूर्णिमा की रात 10 से 12 बजे तक 30 मिनट के लिए चंद्रमा की रोशनी में रहना स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद रहता है।
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