फाजिल्का के गांव हीरांवाली में मंदिर की 113 कनाल 11 मरले जमीन के मामले में आरोपी पक्ष अनिल कुमार पुत्र हुक्माराम ने अपनी सफाई में जारी किए गए हल्फिया बयान में कहा है कि उस पर जमीन पर नाजायज कब्जा करने या जमीन हड़पने के बारे में लगाए गए आरोप झूठे और बेबुनियाद है। उस जमीन पर उसका परिवार नहीं बल्कि शिकायतकर्ता का परिवार उसके परिवार को एक तरफ कर खुद कब्जा करना चाहता है।
उसके परिवार के खिलाफ थाना खुईखेड़ा में एक मुकदमा 4 अक्टूबर को दर्ज किया गया है। 25 जुलाई 1930 को उसके दादे-परदादे जोकि ठाकुर द्वारा मंदिर हीरांवाली में पुजारी थे, को तुलसी देवी जिसकी अपनी कोई औलाद नहीं थी, ने 113 कनाल 11 मरले जमीन ठाकुर द्वारा के नाम दान दी थी। उक्त जमीन पर गांव का सांझा मंदिर उसके दादा के चाचा पन्ना राम उस वक्त पुजारी थे और उस जमीन के काश्तकार थे।
पन्ना राम की उम्र अधिक होने के कारण वह मंदिर की पूजा और जमीन की देख-रेख नहीं कर सकते थे। क्योंकि उनका बाकी परिवार राजस्थान रहता था। इस लिए उन्होंने 30 जनवरी 1979 को एक मुख्तयारनामा रजिस्टर्ड करवा कर उसके दादा हनुमान प्रसाद को मंदिर का पुजारी नियुक्त किया और ठाकुर द्वारा की जमीन की सार-संभाल की जिम्मेदारी दी थी।
साल 2004 में सहायक कलेक्टर फाजिल्का के आदेशों के साथ ठाकुर द्वारा की जमीन की गिरदावरी दरूस्त करके उसके दादा हनुमान प्रसाद के नाम दर्ज हुआ। उस समय शिकायतकर्ता महिंद्र कुमार के पूरे परिवार के दस्तखत रोजनामचा में दर्ज हुए हैं और इनकी शिनाख्त पर ही गिरदावरी दुरूस्त हुई थी।
इसके बाद साल 2017-18 की जमाबंदी नई प्रकाशित होने पर जमीन के माल रिकॉर्ड में हलका पटवारी और कानूनगो के कहने के मुताबिक गलती से इंदराज दर्ज हुआ था। इसकी दुरुस्ती फर्द नंबर 4 रपट नंबर 167 पर दरूस्त माल विभाग द्वारा कर दी गई थी।
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