
वीरवार को भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले 30 किसान यूनियनों ने कृषि कानून को रद्द करवाने की मांग को लेकर फिरोजपुर जिले में 4 और मुक्तसर जिले में 7 जगहों पर दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक 4 घंटे के लिए चक्का जाम किया। किसानों ने प्रोग्राम पहले से निर्धारित था, जिसके चलते पुलिस ने ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया। इसके चलते वाहन चालकों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई।

इस दौरान किसानों ने मुख्य मार्गों पर धरना देकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं।
फिरोजपुर में छावनी की चुंगी नंबर 7, बंगाली वाला पुल, कोट करोड़ कलां टोल प्लाजा व फिरोजपुर-फाजिल्का मार्ग पर गांव खाई में दिया। किसानों के धरने को विभिन्न सरकारी कर्मचारी यूनियनों ने समर्थन दिया और धरने में शामिल होकर सरकार के खिलाफ रोष प्रकट किया। किसानों ने मांग की कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द कृषि कानूनों और पराली जलाने के मामले में नए बनाए गए कानून को रद्द करे वरना वे संघर्ष तेज करेंगे।
मुक्तसर जिले में मुक्तसर-कोटकपूरा रोड पर गांव उदेकरन, मलोट डबवाली रोड पर गांव लंबी, मलोट-मुक्तसर रोड पर गांव रूपाणा, गिद्दड़बाहा-मलोट रोड पर भारु चौक, मार्कफैड चौक व रिलायंस पंप के पास और मलोट में बठिंडा-मलोट रोड पर दानेवाला चौक में किसानों ने चक्का जाम किया।
मलोट के बठिंडा चौक में लगाए जाम कारण हरियाणा, राजस्थान सहित फाजिल्का, अबोहर, मुक्तसर, बठिंडा आदि शहरों के मार्ग पूरी तरह बंद कर दिए गए, जिस कारण लोगों को काफी परेशानी आई। शहर के तिकोनी चौक में स्थित श्री गुरु नानक देव चौक में किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार अंडानियों को लाभ देने के लिए किसानों के हितों की बली देने पर तुली है, जिस कारण किसानों ने आरपार की लड़ाई शुरू की हुई है। किसानों ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने कृषि कानून वापस न लिए तो 26-27 नवंबर को देशभर के किसान लाखों की संख्या में दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। इस दौरान मेडिकल प्रैक्टिशनर एसोसिएशन भी किसानी संघर्ष के समर्थन में आई।

कृषि कानूनों से किसान ही नहीं, खेती भी मर जाएगी
फिरोजपुर में चुंगी नंबर 7 पर धरने के दौरान भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान सुरेंदर सिंह खेहरा, जसविंदर सिंह संधू, गुरमीत सिंह, सुरजीत कुमार, रणजीत सिंह, परमजीत सिंह, पुष्पिंदर सिंह और गुरबचन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को जल्द से जल्द रद्द करे वरना इससे देश का किसान ही नहीं खेती भी मर जाएगी। उन्होंने कहा कि अब सरकार ने पराली जलाने के मामले में नया कानून बनाकर 1 करोड़ रुपए जुर्माना व 3 माह की सजा का प्रावधान रखा है, जिस वापस लिया जाए।
धरने में जोगा सिंह, हरपाल सिंह, हरबंस सिंह, प्रकाश सिंह, मेजर सिंह, दीदार सिंह, सर्बजीत सिंह, चरणजीत चाहल, राजदीप संधू, हरजीत सिंह सहित अन्य किसान शामिल थे। वहीं, मल्लांवाला में किसान संघर्ष मजदूर कमेटी के सदस्यों ने बंगाली वाला पुल बंद करके केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने ट्रैफिक जाम करके जमकर नारेबाजी की।
किसान संघर्ष कमेटी जोन-1, जोन 2 जीरा और आसपास के गांव के किसानों व मजदूरों को सूबा उप प्रधान जसवीर सिंह पिदी, बलजिंदर सिंह तलवंडी निपाला, जिला प्रधान अंग्रेज सिंह और इंद्रजीत सिंह बाठ ने संबोधित करते हुए कि केंद्र सरकार पंजाब को अडानी व अंबानी को बेचना चाहती है। इस दौरान अमनदीप सिंह, काबल सिंह, अजीत सिंह, निर्मल सिंह, वीर सिंह, करण महू, बलराज सिंह फेरों के, लखविंदर सिंह बस्ती नामदेव, कुलदीप सिंह खाई फेमी के, लखविंदर सिंह जोगेवाला, सुरेंद्र सिंह कुर्दू वाला, सुखवंत सिंह और बलजिंदर सिंह सहित बड़ी संख्या में किसान शामिल थे।

केंद्र सरकार बिजली संशोधन एक्ट 2020 भी रद्द करे
गिद्दड़बाहा में जिलाध्यक्ष पूर्ण सिंह दोदा, महा सचिव गुरभगत सिंह भलाईआना, सीनियर उपाध्यक्ष हरबंस सिंह कोटली, वित्त सचिव मास्टर गुरादित्ता सिंह भागसर, हरफूल सिंह भागसर, राजा सिंह महाबद्धर, गुरमीत सिंह बिट्टू मल्लन, सुच्चा सिंह कोटभाई, हरपाल सिंह, पंजाब खेत मजदूर यूनियन के राजा सिंह, काला सिंह, टेक्नीकल सर्विस यूनियन के गगनदीप सिंह , पावरकॉम ठेका मुलाजिम कर्मजीत सिंह, समाज सेवी डाॅ. शिंदर ने कहा कि खेती कानूनों व बिजली संशोधन एक्ट 2020 की वापसी की मांग के लिए 36वें दिन भी किसान संघर्षी मोर्चो में डटे रहे।
कॉर्पोरेट व व्यापारिक केंद्रों व भाजपा मंत्रियों, टोल प्लाजों, शापिंग माल, रिलायंस पंप, ऐसार पंप पर 12 से 4 बजे तक 4 घंटों तक हाईवे जाम करके संघर्ष भारत स्तर पर फैलाने की तीखी तकदीरें की व केन्द्र सरकार को चेतावनी दी कि अगर कानून रद्द नहीं किए गए तो संघर्ष ओर प्रचंड किया जाएगा व आखिर जीत आंदोलनकारियों की होगी।
धरने में भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाली के जिलाध्यक्ष गगनदीप सिंह कबरवाला, जिला उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह असपाल, बलवीर सिंह फौजी, जुगराज सिंह, फिल्मी कलाकार प्रकाश गादूू, कारज सिंह, किसान नेता भूपिंदर सिंह, सुखा, राम सिंह ढिल्लो जंडवाला सरपंच, किसान यूनियन सिद्धूपुर के निर्मल सिंह, लक्खा शर्मा, बीकेयू बोध सिंह, मानसा के कुलविंदर सिंह, ब्लाक गिद्दड़बाहा उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह, मेजर सिंह, बेअंत सिंह, जसविंदर सिंह, अजायब सिंह, कुलबीर सिंह, हरपाल सिंह, जसपाल सिंह आदि शामिल थे।
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