
जिले में पिछले 20 दिनों में रोजाना औसतन 50 फीसदी लोग ऐसे हैं, जिनमें कोरोना के लक्षण मिल रहे हैं। इससे एक्टिव मरीज भी बढ़ने लगे हैं। कई होम आइसोलेट तो कई गंभीर हालत में अस्पतालों में दाखिल हैं। सेहत विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में वर्तमान में कोरोनावायरस के संदिग्ध मरीजों के सैंपलों के पीछे अब 5 फीसदी लोगों को संक्रमण की पुष्टि हो रही है।
जबकि करीब 20 दिन पहले यह दर एक फीसदी थी। डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को संक्रमण के ज्यादा लक्षण आने का कारण इंफेक्शन का ज्यादा ट्रांसमिट होना है। उधर, सेहत विभाग की तरफ से रविवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के 159 नए मामले आए हैं। इनमें 13 बाहरी जिलों में रहने वाले लोग हैं। वहीं पांच मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतकों की उम्र 56 से 84 साल के बीच थी। 4 मरीजों ने अस्पताल में जबकि एक ने घर में दम तोड़ा।
7 दिनों में 978 को संक्रमण, 22 ने दम तोड़ा
जिले में पिछले 7 दिनों में कुल 978 मरीजों को कोरोना की पुष्टि हुई, जबकि 22 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गई। जिला प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक बीते 7 दिनों में जिले में केस फर्टिलिटी रेट 2.25 रहा है। हालांकि विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि हालांकि इलाज के दौरान मरने वाले मरीजों में 60 फीसदी से ज्यादा मरीजों में ब्लड प्रेशर और शुगर थी।
उधर, रविवार को एडीसी विशेष सारंगल ने सिविल अस्पताल में एमएस और एसएमओ के साथ मीटिंग की। एडीसी ने कहा कि अगर कोरोना के मरीज बढ़ते हैं तो सिविल अस्पताल में लेवल-2 और 3 के बेड, डॉक्टरों और स्टाफ की संख्या बढ़ाई जाएगी। पहली लहर में मरीजों का इलाज करने के बाद जिला प्रशासन और सिविल अस्पताल पूरी तरह तैयार हैं।
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