
संगरूर में पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के पास 5455 स्थानों पर पराली को आग लगाए जाने की रिपोर्ट पहुंची है। अधिकारियों की ओर से जायजा लेकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। वीरवार को गांव बहादूरपुर के खेतों में पराली को लगाई गई आग की रिपोर्ट करने पहुंचे पटवारी को किसानों ने घेर लिया। पता चलने पर पटवारी को छुड़वाने पहुंचे 20 अन्य पटवारी और 15 पंचायत सचिवों को भी किसानों ने जाने नहीं दिया।
मांग की गई कि गांव के किसानों को निकाले गए नोटिस रद्द किए जाए और गांव में कार्रवाई को बंद किया जाए। ऐसे में किसानों से बातचीत करते पहुंचे नायब तहसीलदार केके मित्तल ने किसानों को समझाने का प्रयास किया परंतु किसान अपनी जिद्द पर अड़े रहे। जिसके बाद किसानों ने नायब तहसीलदार को भी वहीं बैठा लिया।
किसान बोले-पराली के नोटिस रद्द करने तक अधिकारियों को नहीं छोड़ेंगे
किरती किसान यूनियन यूथ विंग के जिला प्रधान जसदीप बहादूरपुर, दर्शन कुनरां, सुखदेव उभावाल ने बताया कि वीरवार सुबह साढ़े 7 बजे पटवारी राकेश कुमार चोर ढंग से गांव में पराली की आग की रिपोर्ट कर रहा था। गांव के किसानों ने पटवारी को घेर लिया। पटवारी के समर्थन में 20 पटवारी और 15 पंचायत सचिवों को भी किसानों ने घेर कर धरना लगा दिया। किसानों का कहना है कि वे पहले ही कृषि कानूनों से दुखी हंै। ऐसे में सरकार मदद की बजाए पराली के जुर्माने के नोटिस भेज रही है। इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। कहा-नोटिस रद्द किए जाएं। लिखित में भरोसे तक किसी अधिकारी को जाने नहीं देंगे।
बात करने पहुंचे बीडीपीओ को भी नहीं जाने दिया...
किसानों के रोष को देखते हुए बात करने नायब तहसीलदार केके मित्तल व बीडीपीओ लैनिन गर्ग पहुंचे। लेकिन किसान लिखित समझौते पर अड़े रहे। किसानों ने तहसीलदार और बीडीपीओ का रास्ता भी रोक लिया। मांग की गई कि एसडीएम आकर कारवाई रद्द करवाने का लिखित समझौता करें।
डीसी का सवाल-दूसरे पटवारी और सचिव मौके पर क्या करने गए
उधर, पटवारियों और नायब तहसीलदार के फंस जाने पर डीसी रामवीर ने कहा कि एक पटवारी रिपोर्ट करने गया था। दूसरे पटवारी और पंचायत सचिव पता नहीं क्या करने गए। नायब तहसीलदार का भी क्षेत्र नहीं है। वह भी मर्जी से गए हैं। यह गलत है।
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