
शहर में चिल्हर व्यवसायी प्याज बेचने के नाम पर जमकर मुनाफाखोरी कर रहे हैं। इसे नियंत्रण में लाने खाद्य विभाग और निगम के अधिकारियों ने शनिवार को कार्रवाई की थी। अचानक हुई कार्रवाई का असर यह हुआ कि लालबाग से लेकर धरमपुरा इलाके में रविवार को चिल्हर व्यापारियों ने 80 रुपए की जगह 70 रुपए प्रति किलो पर प्याज बेचा। वहीं थोक दुकानदारों ने रेट लिस्ट और भंडारण क्षमता की जानकारी देने पूरी व्यवस्था की थी।
बढ़े हुए दाम पर बेचने और थोक दुकानदारों द्वारा चिल्हर में प्याज नहीं बेचने की कोई शिकायत लोगों ने नहीं की। जानकारी के मुताबिक शनिवार से पहले चिल्हर व्यापारी थोक व्यवसायी से 60- 65 रुपए प्रति किलो के भाव से प्याज खरीदकर लोगों को 80 रुपए किलो में बेच रहे थे। खाद्य विभाग और निगम के अधिकारियों ने शनिवार को कार्रवाई की थी। सहायक खाद्य नियंत्रक दिव्या ने कहा कि जो भी दुकानदार जमाखोरी या मुनाफाखोरी करते मिलेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शिवसैनिक बोले- बड़ी पार्टियां चुप क्यों?
प्याज की बढ़ती कीमतों के बीच लोगों को राहत दिलाने के लिए शिवसेना आगे आई। रविवार को पार्टी कार्यकर्ताओं ने संजय बाजार में स्टाल लगाकर आलू-प्याज की बिक्री की। थोक के भाव में प्याज मिलने पर लोग देर शाम तक स्टाल पर पहुंचते रहे। पार्टी के महासचिव अरूण पांडे ने कहा कि लोगों को बढ़ती मंहगाई से निजात दिलाने यह काम भाजपा और कांग्रेस को करना था लेकिन दोनों यह काम नहीं कर सकी। इस स्थिति में शिवसेना ने इसकी जिम्मेदारी ली और लोगों को कम दाम पर प्याज बेच रहे हैं। पहले दिन करीब 4 क्विंटल प्याज 60 रुपए किलो पर बेच दी गई है।
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