रविवार को चंदा हाथियों का दल अमलीपारा, पोंड से कोचवाही तालाब किनारे होते हुए गंगरेल बांध को पार कर धमतरी वनमंडल के ग्राम चिखली, तुएगहन, माटेगहन, जंगलपारा की ओर निकल गए हैं। हाथियों का दल गुरुर ब्लाॅक के वनांचल से निकल कर अब जिस रूट से आए थे उसी रूट से नगरी, गरियाबंद क्षेत्र की ओर आगे बढ़ेंगे।
गुरुर रेंजर एसएस सोरी ने बताया कि जब गुरुर ब्लाॅक के जंगल में प्रवेश किया उस समय 22 हाथी थे। लेकिन एक बच्चे के आने के बाद दल में 23 हो गए हैं। उन्हाेंने बताया कि डाैडी वन परिक्षेत्र में एक हाथी ने बच्चा दिया है। जिसके कारण बच्चे काे बड़ा करने के लिए उस क्षेत्र में हाथी ज्यादा दिन रुके। बच्चा चार-पांच दिन का हुआ तब हाथियाें का दल अागे बढ़ा। उन्हाेंने बताया कि हाथी जब नदी पार करते हैं या पहाड़ पर चढ़ते हैं ताे बच्चे काे सुड़ से उठाकर पीठ पर बैठाते हैं। जब हाथियाें का दल अागे बढ़ता है ताे चंदा हाथी आगे में रहती है बाकी बीच में रहकर धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं। दतेल हाथी सबसे पीछे रहकर सुरक्षा करता है।
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