
इस बार पटाखा खरीदी और बिक्री के लिए लोगों को ज्यादा समय नहीं मिल पाया। गुरुवार शाम तक शहर के रणजीता स्टेडियम ग्राउंड में पटाखा की दुकानें नहीं लग सकी थी। नगर पालिका से एनओसी नहीं मिलने के कारण व्यापारी गुरुवार को दुकानें नहीं लगा पाए। इस वर्ष भी पटाखा बाजार के लिए प्रशासन ने रणजीता स्टेडियम ग्राउंड में जगह दी है। गुरुवार शाम तक यहां सिर्फ टैंट लग सके थे। आज से यहां 12 पंडालों में पटाखे की बिक्री शुरू की जाएगी।
पटाखा कारोबारी नीरज गुप्ता ने बताया कि प्रशासन द्वारा दुकान लगाने के लिए जगह आबंटित करने के बाद नगरपालिका से एनओसी नहीं मिल पाया था। पालिका द्वारा इस कोरोना काल में भी व्यापारियों को टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई है। उल्टा पहले टैक्स भरवा लेने के बाद दुकान लगाने के लिए एनओसी जारी किया गया है। एनओसी लेने के चक्कर में ही अधिकांश व्यापारी शाम तक दुकानें नहीं लगा पाए। अब पटाखा बिक्री के लिए सिर्फ दो दिन का वक्त व्यापारियों को मिला है।
इस वर्ष दाम में उछाल चायनीज पटाखे नहीं
इस वर्ष पटाखे के दाम में उछाल है। बीते साल के मुकाबले इस वर्ष सभी पटाखे 20 से 25 प्रतिशत अधिक कीमत पर बिकेंगे। मिर्च पटाखे जो 40 से 45 रुपए पैकेट मिलते थे, वह इस वर्ष 60 से 80 रुपए पैकेट्स तक में बिकेंगे। अनार दाना, चकरी, फुलझड़ी सहित सभी पटाखों के दाम बढ़े हैं। इस वर्ष मार्केट में चायनीज पटाखे नहीं हैं। पर भारत में पटाखा कंपनियों में भी चायनीज पटाखों की तरह पटाखों का निर्माण किया गया है। जैसे पटक कर फोड़ने वाले बम, पतंग पटाखे इस वर्ष भी बाजार में उपलब्ध हैं।
शिवकाशी ने नहीं मंगाया माल, सभी स्थानीय पटाखे
किसी भी पटाखा कारोबारी ने शिवकाशी से माल नहीं मंगवाया है। पटाखा व्यवसायियों ने बताया कि अधिकांश पटाखे तमिलनाडु के शिवकाशी से आते थे, पर इस वर्ष काेराेना से फैक्ट्रियां बंद थी। इससे वहां पर्याप्त पटाखे नहीं बन पाए। इसलिए व्यापारियों ने रायपुर, रांची से माल मंगाया है। कुछ बचे हुए पटाखे हैं जिन्हें इस दीवाली कारोबारी निकाल रहे हैं। दाम में बढ़ोत्तरी की एक वजह स्थानीय बाजार से माल लाना भी है। क्योंकि व्यापारियों को ही अधिक कीमत पर पटाखे मिले हैं।
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