
फिरोजपुर साइड से दिल्ली और चंडीगढ़ की तरफ जोन के लिए सदर्न बाईपास एक्सप्रेस-वे काे बने करीब 10 साल होने को आए हैं। मेंटेनेंस में देरी होने के चलते एक्सप्रेस-वे के हालात ये बन चुके हैं कि यहां पर सड़क जगह-जगह से उखड़ कर गड्ढों का रूप धारण कर चुकी है। इन गड्ढों पर पैच लगाने से एक्सप्रेस-वे की पूरी मेंटेनेंस के लिए राज्य सरकार ने पीडब्ल्यूडी को 55 लाख मंजूर किए। लेकिन समय रहते विभाग ने पैचवर्क का काम शुरू नहीं करवाया। जबकि कुछ दिनों पहले जोन-डी की बैक साइड में पुल की शुरुआत में गड्ढों के कारण दो ट्रकों की आपसी टक्कर में एक ट्रक चालक की जान भी जा चुकी है।
इसके बाद विभाग की नींद खुली तो आनन-फानन में कंपकंपाती सर्दी में ही पैचवर्क करवाना शुरू कर िदया। जबकि इन दिनों निगम, ट्रस्ट, गलाडा और अन्य एजेंसियों द्वारा हॉट मिक्स प्लांट बंद रखे जाते हैं। जबकि इस समय किए जा रहे पैचवर्क ठंडा रहने पर ठीक से जम नहीं पाते हैं और जल्द उखड़ भी जाते हैं।
पीडब्ल्यूडी ने 48 लाख रुपए का वर्कऑर्डर कॉन्ट्रेक्टर काे सौंपा
पीडब्ल्यूडी की तरफ से पैचवर्क का टैंडर लगाते हुए 48 लाख का वर्क आर्डर काॅन्ट्रेक्टर को सौंपा है। कॉन्ट्रेक्टर की तरफ से ही इस मौसम में पैचवर्क लगाया जा रहा है, जबकि चार महीनों का समय तय किया गया है। इस संबंध में जब पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन दविंदरपाल सिंह से बात की कि सर्दी के मौसम में कैसे पैचवर्क किया जा सकता है। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि इस मौसम में 2-3 घंटे का समय लेते हुए सिर्फ मेजर जगहों पर पैचवर्क मौसम को देखते हुए करवाया जा रहा है। ताकि इस हाईवे की सड़क स्मूथ की जा सके।
बाकी सर्दी में पैचवर्क लिए सिर्फ एक ही ट्रक भेजा जाता है, जो दिन के समय धूप वाले समय ही पैचवर्क के लिए काम आता है, तापमान मेंनटेन करते हुए ही पैचवर्क लगाए जा रहे हैं। अगर इसमें कोई कमी रहेगी तो वो सामने आने पर उसे ठीक करवाया जाएगा, क्योंकि कॉन्ट्रेक्टर को चार महीने का समय दिया गया है। जबकि इस काम की मंजूरी चीफ इंजीनियर की तरफ से विभागीय तौर पर दी गई है।
ऐसे मौसम में नहीं टिकती प्रीमिक्स : बीएंडआर ब्रांच के रिटायर्ड अधिकारी ने बताया कि प्रीमिक्स डालने के लिए मिनिमम तापमान एवरेज 16 डिग्री होना जरूरी है। जबकि सर्दियों में एवरेज तापमान इतना नहीं होता है। चाहे दिन में धूप निकल भी जाए। लेकिन वो कुछ समय के लिए ही हाई टैंपरेचर तक जाता है। जबकि बाकी के घंटे कम तापमान में रहते हैं। ऐसे में इस मौसम में प्रीमिक्स डालने के लिए सरफेस अनुकूल नहीं रहती। क्योंकि हॉटमिक्स प्लांट से प्रीमिक्स को लाते समय उसका तापमान मेंनटेन नहीं रह पाता है। इसलिए ऐसे मौसम में पैचवर्क या डाली गई प्रीमिक्स मुश्किल ही टिक पाती है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3mOTURx
No comments:
Post a Comment