कड़ाके की ठंड के बीच 11 महीने बाद फिर से नेकी की दीवार जरूरतमंदों के लिए सहारा बन गई है। रविवार को दैनिक भास्कर में नेकी की दीवार सुनसान होने की खबर छपने के बाद समाज सेवक रमेश लखनपाल जरूरतमंदों की मदद करने के लिए 100 जोड़ी जूते और गर्म कपड़े लेकर गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम के बाहर पहुंचे और नेकी की दीवार को फिर से गुलजार कर दिया। पहले दिन 50 से अधिक बच्चों और जरूरतमंदों ने जूते और गर्म कपड़े लिए। वहीं मौके पर पहुंची वार्ड 26 की पार्षद अरुणा अरोड़ा ने कहा कि वो नेकी की दीवार के बेहतर संचालन के लिए हरसंभव मदद देंगी। साथ ही आम लोगों से इस ठंड के मौसम में
जरूरतमंद लोगों के लिए सहयोग की अपील की।रमेश लखनपाल ने बताया कि सुबह जैसे ही नेकी की दीवार सुनसान होने की खबर पढ़ी तत्काल निर्णय लिया कि पिछले साल की तरह इसबार भी ठंड के मौसम में जरूरतमंदों के लिए गर्म कपड़े, जूते-मौजे के साथ अन्य जो भी सामान हो सकता है, वह मुहैया कराएंगे। इसके लिए सबसे पहले मार्केट गए और 100 जोड़ी जूते और कुछ गर्म कपड़े लिए। घर और जानने वालों के पास जो अतिरिक्त गर्म कपड़े थे, उन्हें भी ले लिया। इसके बाद सीधे गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम के बाहर बनीं नेकी की दीवार पर पहुंच गए। जहां पर जरूरतमंद ने गर्म कपड़े और बच्चों ने जूते लिए।
एनजीओ, समाजसेवियों और वालंटियरों से सहयोग के लिए करेंगे बात
सेनाेरिएटा फर्म के रमेश ने कहा कि रविवार को पहला दिन था, इस वजह से जरूरतमंदों को अभी इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं है। वह आने वाले दिनों में इस नेकी की दीवार को पहले की तरह ही चलाएंगे। शहर के विभिन्न एनजीओ, वालंटियर और समाजसेवियों से बात करेंगे जिससे कि लोग अपने घर में रखे गर्म कपड़े और सामान यहां पर देकर सहयोग कर सकें ताकि जरूरतमंदों में वितरित किए जा सके। उनका कहना है कि वह जल्द ही वह डीसी घनश्याम थोरी से मुलाकात कर यहां आने के लिए आमंत्रित करेंगे। वह नेकी की दीवार को एक मिसाल के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं, जिससे कि यहां से कोई जरूरतमंद वापस न जाये।
लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर वीके शर्मा ने कहा- ये खुशी की बात
नेकी की दीवार दोबारा शुरू होने पर सीनियर आईएएस और लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा ने कहा कि जालंधर जिला प्रशासन ने पिछले साल जरूरतमंदों को गर्म कपड़ों के साथ अन्य सामान मुहैया कराने के लिए नेकी की दीवार शुरू की थी, लेकिन कोरोना कॉल में नेकी की दीवार सुनसान हो गई थी। अब खबर छपने के बाद शहर के लोग इसे फिर से चलाने के लिए आगे आ रहे हैं, यह खुशी की बात है।
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