गांव बेगांवाली के पास से गुजरती कबूलशाह माइनर में बुधवार सुबह करीब चार बजे लगभग 12 फुट कटाव आने से आसपास के खेतों में करीब 30 एकड़ गेहूं की फसल बर्बाद हो गई। किसानों ने बताया कि नहर के टूटने के चलते खेतों में पानी भर गया। किसानों ने अपने स्तर पर नहर के मोघे पर पानी बंद किया और इसकी सूचना नहरी विभाग के अधिकारियों को दी।
किसानों का आरोप है कि हर विभाग की गलती के कारण नहर टूट जाती है जिसके चलते उनको परेशानी होती है। गांव बेगांवाली के किसान बलजीत कंबोज, हरिचंद, पाल चंद व प्रिंस कुमार ने बताया कि नहरी विभाग और जंगलात विभाग की अनदेखी से यह माइनर कई बार टूट चुकी है।
हर साल उनकी फसल बर्बाद होती है जिसका उन्हें मुआवजा भी नहीं मिलता। पिछली बार इस माइनर के टूटने से उनकी फसल बर्बाद हो गई थी। इसका मुआवजा आज तक नहीं मिला। इस बार भी लगभग 30 एकड़ गेहूं की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है।
उन्होंने विभाग के अधिकारियों से मांग की कि माइनर की पूरी तरह से सफाई करवाई जाए और पौधे लगाने के लिए खोदे गए गड्ढों का भी हल किया जाएं। साथ ही उनको हुए नुकसान का मुआवजा भी दिया जाए। किसानों ने आरोप लगाया कि जंगलात विभाग की तरफ से पौधे लगाने के लिए गड्ढे तो खोद दिए जाते हैं लेकिन पौधे लगाए ही नहीं जाते, जिस कारण इन गड्ढों के कारण नहर बार-बार टूट जाती है। उन्होंने मांग की कि मुआवजा दिया जाए।
नहर ठीक करवा दी है, पानी भी कम किया है : एसडीओ
सिंचाई विभाग के एसडीओ सुखप्रीत सिंह बराड़ ने कहा कि सफाई करवाने के लिए मनरेगा की मांग की गई थी लेकिन मनरेगा उपलब्ध न होने के कारण सफाई नहीं हो सकी। अब मार्च तक माइनर में पानी वैसे ही बंद रहेगा। मार्च तक फंड भी उपलब्ध हो जाएगा। इसके बाद माइनर की सफाई करवा दी जाएगी। फिलहाल माइनर को ठीक करवा दिया गया है और पानी भी कम करवा दिया गया है।
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