
ये किरंदुल के रहने वाले 59 साल के एस सारधी हैं। एनएमडीसी में नौकरी करते हैं। हफ्ते में एक दिन छुट्टी मिलती है तो इसे व्यर्थ नहीं जाने देते, खुद को फिट रखने ऐसे ही साइकल लेकर निकल पड़ते हैं। सारधी किरंदुल से बास्तानार घाट तक साइकिल पर निकले थे। दूरी करीब 75 किमी। यानी आना- जाना 150 किमी। ये पहली बार नहीं है,बल्कि ड्यूटी से फ्री होने पर जब भी मौका मिलता है साइकिल राइडिंग के लिए 10- 20 नहीं बल्कि 200 या इससे ज़्यादा किमी के लिए निकल पड़ते हैं। ऐसा ये अभी ही नहीं बल्कि 15 सालों से करते आ रहे हैं।
सारधी उन युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं जिनके कुछ कदम पैदल चलने में भी पसीने छूट जाते हैं। उम्र दराज होने के बावजूद हिम्मत नहीं हारते। भास्कर से चर्चा में सारधी बताते हैं कि उन्हें साइकिल राइडिंग बेहद पसंद है। खुद को फिट रखना चाहते हैं। हफ्ते में एक दिन अवकाश मिलने पर या कभी- कभी हफ्ते में दो दिनों तक 100 किमी से ज्यादा साइकिल राइडिंग करते ही हैं। एक अलग एनर्जी मिलती है। अच्छा लगता है। हर दिन सुबह 5 किमी दौड़ लगाना और 5 किमी की साइकिल चलाना तो आदत में शामिल हो गया है। ड्यूटी के कारण समय नहीं मिलता है। एक साल बाद रिटायर्ड हो जाऊंगा। तब साइकिल पर और भी लंबे टूर पर जाऊंगा। सारधी का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में 3 रिकॉर्ड इनके नाम दर्ज हैं। इसमें 1 मिनट में 195 स्कीपिंग, 1 मिनट में 135 नार्मल पुशअप, 1 मिनट में 145 नकल पुशअप का रिकॉर्ड बनाया है। हाफ मैराथन सहित अन्य कई प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज करा चुके हैं। वे कहते हैं साइकिल पर लद्दाख जाने का प्लान बना था, कोरोना के कारण स्थगित करना पड़ा। अप्रैल में ज़रूर जाऊंगा।
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