
साल 2001 में शहर के लिए बनाए गए मास्टरप्लान की मियाद अगले 12 महीनों में खत्म हो जाएगी। साल 2001 में जो मास्टरप्लान तैयार किया गया था, वह साल 2021 की स्थिति में जगदलपुर शहर को देखते हुए बनाया गया था। 12 महीनों बाद मास्टरप्लान का वक्त खत्म हो जाएगा, लेकिन मास्टरप्लान तैयार होने के 19 साल बाद भी इसके मुताबिक शहर को विकसित नहीं किया जा सका है।
मास्टरप्लान के मुताबिक शहर की सड़कों को जितना चौड़ा किया जाना था, उस हिसाब से 44 सड़कों की चौड़ाई बढ़ाई ही नहीं गई। वहीं कई सड़कों पर काम ही शुरू नहीं हो सका। इधर शहर में 19 साल बाद भी पार्किंग के लिए न तो जगह तय की जा सकी है और न ही पार्किंग स्थल ही विकसित किए जा सके हैं। इन हालातों में इस मास्टरप्लान की मियाद खत्म होने के बाद अगला मास्टरप्लान आ जाएगा, जो अगले 20 साल के शहर के हालातों को देखते हुए तैयार किया जाएगा। फिर अगले 20 साल की योजना तैयार करते हुए सिर्फ कागजों पर ही खाका खींच दिया जाएगा और फिर शहर को अव्यवस्थित ही छोड़ दिया जाएगा।
पहला मास्टरप्लान साल 1985 में बना था
मालूम हो कि जगदलपुर शहर के लिए सबसे पहला मास्टरप्लान साल 1985 में तैयार किया गया था, जो साल 2001 में विकसित शहर के मुताबिक था। इस पर काम नहीं हो पाया। इसके बाद साल 2001 में फिर से अगले 20 साल यानी 2021 तक के लिए लागू किया गया।
गीदम रोड अस्त-व्यस्त धूल के गुबार से परेशानी
शहर के गीदम रोड पर इन दिनों काम चल रहा है। सड़क को चौड़ा करने के साथ ही पुल-पुलिया का काम भी जारी है। काम के चलते अस्त-व्यस्त हो चुके इलाके में लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी धूल के गुबार से हो रही है।
44 सड़कें चौड़ी करने के लिए चुनी गईं थीं
शहर में सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने की योजना मास्टरप्लान में शामिल की गई थी, जिसमें शहर की 44 सड़कों को चिन्हांकित किया गया था। लेकिन मास्टरप्लान के मुताबिक काम ही नहीं हो पाया। शहर की सड़कों की चौड़ाई 1 से 6 मीटर तक बढ़ाई जानी थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इन जगहों पर पार्किंग स्थल प्रस्तावित था
संजय और इतवारी बाजार के बीच: संजय बाजार में रोजाना 10 हजार से ज्यादा लोग आना-जाना करते हैं। ऐसे में इतवारी बाजार और संजय बाजार के बीच पार्किंग प्रस्तावित है।
गोल बाजार क्षेत्र: रोजाना हजारों लोग आते-जाते हैं, जहां भी पार्किंग स्थल प्रस्तावित है।
कृष्णा पेट्रोल पंप पास: गीदम रोड पर कृष्णा पेट्रोल पंप के पास पार्किंग स्थल इसलिए प्रस्तावित किया गया था, क्योंकि यहां से बड़ी संख्या में शिक्षक और शिक्षाकर्मी तोकापाल से लेकर बास्तानार ब्लॉक तक स्कूल बस-टैक्सियों से जाते हैं।
सिटी कोतवाली व पुराना बस स्टैंड: मेन रोड पहुंचने का ये रास्ता सबसे अहम है। इस रास्ते से आधे शहर के लोग मेन रोड पहुंचकर खरीददारी करते हैं, लेकिन इससे मेन रोड में कई बार जाम लगता है।
गीदम रोड पर कब्रिस्तान से लगी जमीन: इस जगह को भी पार्किंग के लिए तय किया गया था।
जानिए, इन सड़कों की कितनी चौड़ाई होनी थी
पैलेस रोड पर गुरूनानक चौक से पनामा चौक तक 15 मीटर सड़क को बढ़ाकर 20 मीटर करना था, वहीं संजय बाजार से लेकर गुरू गोविंद सिंह चौक और गुरू गोविंद सिंह चौक से वन विद्यालय तक 16 मीटर से 20 मीटर तथा वन विद्यालय से शहर सीमा तक 18 मीटर से बढ़ाकर 60 मीटर तक किया जाना है। इसके अलावा शहर की और भी प्रमुख सड़कें ऐसी हैं, जिनका चौड़ीकरण ही नहीं हो पाया है।
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