
सोमवार को देवगुरु बृहस्पति यानी गुरु और शनि ग्रह एक-दूसरे के सबसे करीब होंगे। दोनों के बीच की दूरी महज 0.1 डिग्री रह जाएगी। दिन ढलते ही दक्षिण-पश्चिम क्षितिज में इस अद्भुत नजारे को देखा जा सकता है। इस दौरान ऐसा भी लग सकता है कि दोनों ग्रह मिलकर एक हो रहे हैं। खगोल शास्त्रियों का कहना है कि 397 साल बाद अंतरिक्ष में यह अद्भुत घटना होने जा रही है। ज्योतिषियों के मुताबिक ग्रहों का यह फेर मकर, कुंभ, धनु और मीन राशि के जातकों के लिए फायदेमंद साबित होगा। वैसे तो हर 20 साल में गुरु और शनि एक-दूसरे के सामने आते हैं, लेकिन इनके बीच की दूरी सबसे कम होगी। एक अनुमान के मुताबिक दोनों के बीच पूर्णिमा के चांद के पांचवे भाग जितनी दूरी रह जाएगी। इससे पहले सन् 1623 में ये दोनों इतने करीब आए थे। सोमवार को सूरज ढलते ही रिंग वाला सुंदर ग्रह शनि (सेटर्न) और सबसे विशाल ग्रह गुरु (जुपिटर) को जोड़ी बनाते नजर आएंगे। इन्हें रायपुर समेत पूरे प्रदेश में भी खुली आंखों से देखा जा सकेगा। सबसे बड़ा चमकदार गुरु होगा और कम चमकदार शनि होगा। रात 8 बजे के बाद यह दोनों ग्रह नहीं दिखेंगे।
पिछली बार सूर्य से नजदीकी के चलते नजर नहीं आए थे
गुरु और शनि करीब 20 साल में एक बार इतने नजदीक आते हैं। वर्ष 2000 में दोनों पास आए थे, लेकिन दोनों ग्रहों के सूर्य के पास होने के कारण उन्हें देखना मुश्किल था। इस बार सूर्य डूबने के बाद वे नजर आएंगे।
गैलीलियो की खोज के बाद दुनिया ने देखी थी ये घटना
करीब 400 साल बाद दोनों ग्रह इतने करीब होंगे। गैलीलियो द्वारा उसका पहला टेलिस्कोप बनाए जाने के 14 साल बाद 1623 में ये दोनों ग्रह इतनी नजदीक देखे गए थे। उसके बाद इतना नजदीकी कंजेक्शन अब तक देखने को नहीं मिला है। आने वाले समय में इतनी नजदीकियां 15 मार्च 2080 को होने वाले कंजेक्शन में देखी जा सकेंगी।
इसलिए होता है ग्रेट कंजंक्शन...
सौर मंडल का पांचवां ग्रह जुपिटर और 6वां ग्रह सेटर्न निरंतर सूर्य की परिक्रमा करते रहते है। जुपिटर की एक परिक्रमा लगभग लगभग 11.86 साल में हो पाती है, तो सेटर्न को लगभग 29.5 साल लग जाते हैं। परिक्रमा के समय के इस अंतर के कारण लगभग हर 19.6 साल में ये दोनों ग्रह आकाश में साथ दिखने लगते हैं।
आज शाम आप भी ऐसे देख सकते हैं अद्भुत नजारा
इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए सूरज ढलने के बाद दक्षिण की ओर चेहरा करके खड़े हो जाएं। दक्षिण पश्चिम क्षितिज पर 25 डिग्री ऊपर दोनों ग्रह एक दूसरे से जोड़ी बनाते नजर आएंगे। इनमें से बड़ा चमकदार जुपिटर होगा, तो उसके साथ का ग्रह थोड़ा कम चमकदार शनि ग्रह।
ज्योतिषी दावा-लोगों की शादी से उम्र तक पड़ेगा असर
ज्योतिषाचार्य डॉ. दत्तात्रेय होस्केरे का कहना है, गुरु के शुभ प्रभाव से लंबी उम्र, मनचाही नौकरी मिलती है। जीवनसाथी का निर्णय करने वाले भी बृहस्पति ही माने गए हैं। दूसरी ओर शनि आयु कारक ग्रह है। शनि जिस भाव में बैठते हैं उस भाव की आयु की वृद्धि बढ़ाते हैं। सदियों बाद जब ये दोनों ग्रह एक-दूसरे के करीब होंगे तो राशियों को भी प्रभावित करेंगे। दांपत्य जीवन से लेकर स्वास्थ्य तक असर दिखेगा।
जानिए किस राशि पर कैसा प्रभाव...
- मेष - व्यवसाय परिवर्तन, पदोन्नति।
- वृषभ - भाग्योदय।
- मिथुन - स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
- कर्क - पति-पत्नी संबंधी मतभेद।
- सिंह - शत्रु भय।
- कन्या - संतान प्रगति,
- तुला - लोकप्रियता में वृद्धि।
- वृश्चिक - पारिवारिक विवाद।
- धनु - धन लाभ।
- मकर - भाग्य वृद्धि।
- कुंभ - व्यय।
- मीन - आय के स्रोत बढ़ेंगे।
- अगली बार इस दिन करीब आएंगे गुरु-शनि
अब यह 5 नवंबर 2040 के बाद 10 अप्रैल 2060, 15 मार्च 2080 को दिखाई देगा। यह वर्ष 2020 की तरह ही रहेगा।
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