
सुबह-शाम धुंध रहने और दिन-ब-दिन बढ़ती शीतलहर के कारण पिछले कई दिनों से सब्जियों की तुड़वाई ठप पड़ी है। अब रविवार को हुई बारिश ने खेतों की मिट्टी गीली कर दी है, जिससे सब्जियां निकालने का रहा-सहा काम भी अगले कुछ दिन नहीं हो पाएगा।
इससे अमृतसर, तरनतारन, अजनाला और पट्टी की मंडियों में मटर, मूली, गाजर व शलजम की आमद आधी रह गई है। ठंड की वजह से मटर की तुड़ाई सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है, जिसकी उपज का आधा हिस्सा अभी तक खेतों में फंसा है।
इन्हीं वजहों से सब्जियों के दाम में बीते 4 दिन में 50 फीसदी तक बढ़ गए हैं। मानांवाला के गांव तलवंडी डोगरा के किसान सुरिंदरपाल सिंह ने बताया कि धुंध के चलते मौसमी सब्जियों को निकालने के लिए लेबर नहीं मिल रही है। अब खेतों में फसल खराब होने का डर है। वल्ला फ्रूट एंड वेजिटेबल मर्चेंट्स यूनियन के प्रधान चरणजीत बतरा का कहना है कि सर्दी से किसान ही नहीं बल्कि कारोबारी भी परेशान हैं।
गोइंदवाल साहिब के किसान हरमीत सिंह ने बताया कि उन्होंने 3 किले जमीन में मटर बीजा है, मगर इसमें एक एकड़ में लगाया मटर ही तोड़कर वह बाजार तक पहुंचा पाए हैं। सब्जी विक्रेता मनदीप सिंह ने बताया कि जो मटर 10 रुपए किलो थी वह अब 18 रुपए पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि खडूर साहिब में बड़े स्तर पर मटर की खेती होती है।
पूरे इलाके में करीब 35 हजार हेक्टेयर में खेती होती है। इसमें से अभी तक आधी फसल को ही तोड़ा जा सका है। उन्होंने बताया कि लेबर का काम गांवों की महिलाएं करती हैं, मगर वह काम मांगने ही नहीं आ रहीं। अजनाला के किसान गुरदीप सिंह ने बताया कि धुंध के कारण वह रोज मंडी भी नहीं जा पा रहे। वह खुद दोपहर के समय ही खेतों में एक से दो घंटे काम कर पाते हैं।
खराब होने के डर से खुद ही किसानों में लगे : सुखदेव
पट्टी सिटी के रहने वाले किसान सुखदेव सिंह ने बताया कि उन्होंने चार किले जमीन में गाजर, मूली, शलजम और साग बीजा था। धुंध के कारण लेबर काम करने नहीं रही। सब्जियों के खराब होने का खतरा बन गया है। उनकी आधा किला जमीन में लगी गाजर और एक किलाे में लगी मूली अभी तोड़ने को है। मजबूर अकेले ही इसे तोड़ रहे हैं, मगर यह नाकाफी है।
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