
सूबे के तीन जिलाें फिरोजपुर, तरनतारन व कपूरथला की सीमाअाें से सटी व 86 वर्ग किलोमीटर में फैली हरिके पत्तन बर्ड सेंक्चुअरी काे सैलानियाें के िलए दाेबारा खाेल दिया है। इसे पहले, कोविड-19 के चलते एहतियातन बंद कर दिया गया था। अब सरकार इसे पर्यटन के तौर पर और विकसित करना चाहती है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को एस्टीमेट बनाकर योजना बनाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। सेंक्चुअरी काे और बेहतर बनाने के लिए रुकी हुई 15 करोड़ रुपए की राशि जल्द जारी कर दी जाएगी।
हरिके सेंक्चुअरी पहुंचे सूबे के जंगलात, सामाजिक न्याय, अधिकारिता व अल्पसंख्यक मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने यह खुशखबरी दी। उन्हाेंने किश्ती में सवार होकर हरिके झील का दौरा किया व झील सहित प्रवासी पक्षियों के बारे में जानकारी हासिल की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सेंक्चुअरी की बेहतरी के लिए आस-पास के विधायकों पर आधारित एक कमेटी बनाई जाए ताकि याेजनाओं काे सहमति से पास किया
जा सके। मंत्री के साथ विधायक पट्टी हरमिंदर सिंह गिल विशेष तौर पर मौजूद थे। इस माैके पर सूबे के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन आरके मिश्रा, एसडीएम (जीरा) रणजीत सिंह व डीएफओ अमनीत सिंह मौजूद थे। दूसरी तरफ, बर्ड सेंक्चुअरी ने हजाराें विदेशी परिंदाें के लिए अपनी बांहें फैला दी हैं। विभिन्न प्रजातियों के करीब 50 हजार पक्षी यहां डेरा डाल चुके हैं। दिसंबर अंत तक यहां करीब 1 लाख पक्षियों के पहुंचने की उम्मीद है।
इन प्रजातियों के पक्षी इन दिनों आते हैं यहां
साइबेरिया, मंगोलिया, यूरोप जैसे ठंडे इलाकों के ये पक्षी हर साल इन्हीं दिनाें में हरिके की उड़ान भरते हैं। इनमें ग्रे लेग गूज, बार हैडिड गूज, रूडी शेलडक, यूरेसियन स्पूनबिल, ब्लैक हैडिड गल, ब्राउन हैडिड गल, प्लेसिस गल, ग्रेट एग्रेट, ब्लैक हैडिड लिब्स, कॉमन कूट, कॉमन पोचर्ड, टफ्टेड डक, फेरूजीनियस डक (व्हाइट आईड पोचर्ड), यूरेशियन विगन, नाॅर्दर्न शवलर, नाॅर्दर्न पिनटेल, गढवाल, ग्रेट काेरमोरेंट, स्नेक बर्ड (अनहिंगा), कॉम्ब डक, पाईड एवोकेट, कॉमन टिल, गारगेने, पेंटेड स्टॉर्क, एशियन ओपन बिल्ड स्टॉर्क, मलाड, मार्श सेंड पाइपर, मार्श हैरियर, आसप्रे, विस्कर्ड टर्न, गुल बिल्ड (पक्षी) शामिल है।
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