
महामारी के दाैरान सरकार ने खाली हुए खजाने को भरने के लिए रिकवरी में तेजी लाने के आदेश दिए हैं, लेकिन राजस्व विभाग के अधिकारियों की कार्यगुजारी के चलते जिलेभर में 482 बड़े डिफॉल्टरों से रिकवरी नहीं हो पा रही है। इसको लेकर जिला प्रशासन ने पहली बार 17 रिकवरी अधिकारियों के नाम के साथ, उनके पेंडिंग केसों को लेकर लिस्ट जारी की है।
प्रशासन द्वारा 46 दिन से 90 दिन और फिर 3 महीने के पेंडेंसी को लेकर जारी सूची में सबसे ज्यादा 71 रिकवरी के पेंडिंग मामले जालंधर-टू के तहसीलदार के हैं। फिल्लौर के नायब तहसीलदार के पेंडेंसी के सबसे कम 6 मामले है।
अब रेवन्यू डिपार्टमेंट ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को रिकवरी में तेजी लाने को लेकर नोटिस जारी किए हैं। इस बाबत डिस्ट्रिक रेवन्यू ऑफिसर जश्नजीत का कहना है कि तहसील कर्मियों को रिकवरी का टारगेट दिया गया है। रिकवरी की अनदेखी होने पर प्रशासन ने विभागीय कर्मचारियों को कड़ाई करने के निर्देश दिए हैं।
एसडीएम काे सौंपी गई जिम्मेदारी
हाॅल ही में चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन ने राजस्व को बढ़ाने और रिकवरी में तेजी लाने के लिए डीसी घनश्याम थोरी को आदेश दिए हैं। इसी के आधार पर अब जिला प्रशासन ने प्राथमिकता के आधार पर सभी एसडीएम से रिकवरी से संबंधित मामलों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने के लिए कहा है। डीसी ने साफ रिकवरी अधिकारियों से कहा कि यदि कोई समस्या आ रही है तो उसका समाधान किया जाएगा। डिफॉल्टरों से किसी भी कर्मचारी को डरने की जरूरत नहीं है।
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