
एक सप्ताह से पड़ रही कड़ाके की सर्दी से जहां आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है तो वहीं शुक्रवार को फसलों पर भी बर्फ जैसे कोहरे की सफेद चादर छा गई। धुंध न होने से सुबह से ही सूर्य देवता निकलने के कारण धूप में आम लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली, लेकिन कोहरे के कारण सब्जी उगाने वाले किसानों की मुश्किलें थोड़ी बढ़ गई है।
शुक्रवार को अबोहर में अधिकतम तापमान 21 डिग्री और न्यूनतम तापमान 5 डिग्री रहा। पिछले 4 दिनों से अबोहर में न्यूनतम तापमान 3 डिग्री तक लुढ़क चुका है। तापमान गिरने और शीतलहर चलने के कारण पूरे क्षेत्र में कड़ाके की सर्दी थी। शुक्रवार सुबह धूप निकलने के कारण घरों के अंदर दुबक कर बैठे लोग बाहर निकलते हुए दिखाई दिए।
वहीं धूप के साथ-साथ पूरा दिन हवाएं भी चलती रही, जिससे थोड़ी ठंडक महसूस होती है। फिर भी लोग घरों के बाहर, पार्कों में धूप सेंकते हुए नजर आए। इसके अलावा दिन खुलने के कारण बाजारों में भी भीड़ देखने को मिली। उधर ग्रामीण क्षेत्रों में खेत और खुले मैदानों के घास पर बर्फ की सफेद चादर जैसा कोहरा जम गया। जिससे किसानों की थोड़ी मुश्किलें बढ़ गई है।
गेहूं को फायदा, जबकि सब्जियों को होगा नुकसान
कड़ाके की सर्दी के बाद फसलों पर जमे कोहरे से जहां गेहूं को फायदा होगा तो वहीं सब्जियों को इससे नुकसान होने वाला है। किसान सहीराम सुथार ने बताया कि अगर आने वाले दिनों में इसी प्रकार से कड़ाके की सर्दी पड़ी तो टमाटर, आलू, प्याज, मटर और चारे की फसल को नुकसान होगा।
आलू को सर्दी से बीमारियां लगने का डर होता है। इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। वहीं गेहूं के लिए सर्दी से ज्यादा नुकसान नहीं होगा। वहीं कोहरा पड़ने पर किन्नू की सर्दी में मीठास और बढ़ जाएगी। इससे किन्नू व्यापारियों को लाभ होगा।
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