6 महीने की गर्भवती पत्नी आसमती को लेकर पुलिस के सामने सरेंडर करने वाला नक्सली हरदेश अब पिता बन गया है। हरदेश के घर किलकारी गूंजने से अब दोनों सरेंडर दंपती बेहद खुश हैं। अब तक सरेंडर के बाद नसबंदी खुलवाकर या सरेंडर के बाद शादी कर माता-पिता बनने के मामले सामने आए हैं। लेकिन क्षेत्र का यह पहला ऐसा मामला है कि नक्सली पिता अपनी पत्नी के गर्भ में पल रहे बच्चे को नक्सलियों से बचाने के लिए छिपते-छिपाते पत्नी के साथ पुलिस के पास पहुंचा था। सरेंडर के बाद दोनों पुलिस के संरक्षण में रहे और अब उसकी पत्नी आसमती को बेटा भी हो गया है।
भास्कर से चर्चा में हरदेश ने बताया नक्सल संगठन में शामिल होना उसकी मजबूरी थी। बांगापाल में जब पढ़ाई कर रहा था तब पिता की मौत हुई। गांव पीडियाकोट गया तो नक्सली ने वापस लौटने नहीं दिया। पढ़ाई छूट गई। नक्सलियों के स्कूल का शिक्षक बनाया गया। जहां नक्सल संगठन के बारे में बच्चों को पढ़ाता था। खुद तो पढ़ाई पूरी नहीं कर सका। लेकिन अपने बच्चे को पढ़ाउंगा, एक बेहतर इंसान और अफसर बनने हमेशा प्रेरित करूंगा।
परिजन मिलने आए तो नक्सली मार देंगे
हरदेश और आसमती का बेटा होने से दोनों खुश हैं लेकिन दुख इस बात का है कि दोनों की मां और परिजन बच्चे को देखने गांव से निकलकर आना भी खतरे से खाली नहीं है। हरदेश ने बताया मां और भाई गांव में रहते हैं। नक्सली उन्हें बहुत परेशान कर रहे हैं। मैं गांव गया तो मुझे और पत्नी को मार देंगे। परिजन हमसे मिलने आए तो उनकी हत्या कर देंगे।
यह था पूरा मामला
पीडियाकोट के रहने वाले हरदेश व आसमती को नक्सल संगठन में रहते प्रेम हुआ, दोनों ने साल 2018 को शादी की। आसमती गर्भवती हुई तो गर्भ में पल रहे बच्चे को नक्सली मार न दें इसलिए दोनों पति- पत्नी ने बात छुपाई। नक्सलियों को पता चला तो आसमती के बच्चे को मारने की पूरी साजिश नक्सली रच चुके थे। दोनों पति- पत्नी ने एक दूसरे का साथ दिया और पुलिस के सामने 21 अगस्त को सरेंडर कर दिया।
माता-पिता बनने के पूर्व ऐसे मामले सामने आए
केस 1: इनामी नक्सली गंगी गर्भवती हुई तो नक्सली पति ने भी साथ नहीं दिया। सभी ने उसका गर्भपात कराया था। इसी से क्षुब्ध होकर गंगी ने 2018 को सरेंडर किया था। दूसरी शादी की और मां भी बन गई।
केस 2: संगठन में रहते वक़्त बच्चे नहीं होने की इजाजत नक्सली नहीं देते। सरेंडर के बाद 5 से ज़्यादा नक्सलियों की पुलिस ने नसबन्दी खुलवाई। अब वे माता- पिता बन चुके हैं।
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