
स्पोर्ट्स सिटी और हॉकी नर्सरी से मशहूर जालंधर शहर में हॉकी का एक भी बेहतरीन खेल मैदान नहीं है। वर्ल्ड में हॉकी खिलाड़ियों की शुरुआती ट्रेनिंग टर्फ पर की जाती है, लेकिन हमारे यहां अभी भी खिलाड़ी ग्रासी ग्राउंड पर खेल कर देश की हॉकी टीम का सफर तय कर रहे हैं। खस्ताहालत हॉकी मैदानों में प्रेक्टिस करने के बावजूद पंजाब के खिलाड़ी अपना बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन गठबंधन सरकार के बाद कांग्रेस
सरकार भी स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्टर डेवेलप नहीं कर पाई है। मंगलवार को खेल प्रमोटर और सुरजीत हॉकी सोसायटी के सीपीआरओ सुरिंदर भापा ने खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह से मुलाकात कर उन्हें स्पोर्ट्स सिटी के अंदर हॉकी टर्फ और एथलेटिक्स खिलाड़ियों के लिए स्पोर्ट्स कॉलेज में सिंथेटिक ट्रैक बिछाने की मांग की।
खेलमंत्री से स्पोर्ट्स सिटी में हॉकी टर्फ, स्पोर्ट्स कॉलेज में सिंथेटिक ट्रैक बिछाने की मांग की
इसके अलावा सुरिंदर भापा ने खेलमंत्री को कहा कि पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (पीआईएस) भी पंजाब में खेल के लिए बेहतरीन काम कर रहा है। इसलिए पीआईएस में डायरेक्टर ट्रेनी के पद पर किसी ओलंपियन स्तर के खिलाड़ी को नियुक्त किया जाए, ताकि वह अपने अनुभव से पंजाब की खेलों को और प्रमोट कर सके। गौर हो कि पिछले कई वर्षों से पीआईएस में डायरेक्टर ट्रेनी का पद खाली है। इसके अलावा सुरिंदर भापा
ने खेल मंत्री से राज्य में हॉकी का स्तर ऊंचा उठाने के लिए पंजाब के अलग-अलग जिलों की खेल एकेडमी जिसमें गुरदासपुर, कुक्कड़ पिंड, खालसा कालेज जालंधर, जाखड़ अकादमी, अमृतसर में 6-ए साइड हॉकी टर्फ लगाने की मांग की है। इस दौरान खेल मंत्री ने भी आश्वासन दिया कि जल्द ही स्पोर्ट्स सिटी जालंधर के खिलाड़ियों को एक बड़ा तोहफा मिलेगा, जिसमें एथलेटिक्स ट्रैक और हॉकी टर्फ के साथ अन्य खेल मैदानों को इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलप किया जाएगा।
आंखें मूंद बैठा प्रशासन, चारों विधायक स्पोर्ट्सपर्सन फिर भी नहीं सुधर रहा स्पोर्ट्स
हर साल मुख्यमंत्री, खेल मंत्री से लेकर शहर के डीसी और सभी विधायकों और शहर में हॉकी सहित अन्य स्पोर्ट्स के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए मांग पत्र, एप्लीकेशन दी जाती है, लेकिन अभी तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। स्पोर्ट्स सिटी के चारों स्पोर्ट्समैन विधायकों सहित प्रशासनिक अधिकारी भी आंखें मूंदे हुए हैं। डायरेक्टर स्पोर्ट्स रहते साल 2008-09 के समय में विधायक परगट सिंह की तरफ से ओलंपियन सुरजीत हॉकी स्टेडियम में नया टर्फ लगाया गया था और जो पहले से टर्फ थी उसे अलग-अलग जगहों पर 6-ए साइड के लिए इस्तेमाल किया गया था।
स्टेडियम में हर साल ट्रायल और बड़े टूर्नामेंट होते हैं
अब सुरजीत हॉकी स्टेडियम की टर्फ भी खस्ता हालत हो चुकी है और शहर की अन्य जगहों पर लगी टर्फ भी टाट का रूप ले चुकी है। हॉकी इंडिया की ओलंपियन सुरजीत हॉकी टूर्नामेंट को ए-ग्रेड के टूर्नामेंट में शामिल किया गया है जो हर साल इसी स्टेडियम में करवाया जाता है। टूर्नामेंट से पहले टर्फ की रिपेयर करने का काम होता है। हॉकी टर्फ की हालत इतनी खस्ता हालत है कि खिलाड़ी कई बार इसमें फंसकर चोटिल हो चुके हैं। हॉकी टर्फ की उम्र करीब 7 से 8 साल तक होती है और इसे लगे 10 साल से ज्यादा का समय हो चुका है। सुरजीत स्टेडियम ट्रायलों के अलावा हर साल 2 से 3 बड़े टूर्नामेंट, स्कूली टूर्नामेंट भी होते हैं।
आरसीएफ हॉकी टर्फ देश में सर्वोत्तम
पिछले साल जुलाई महीने में रेल कोच फैक्टरी कपूरथला की तरफ से करीब 2 करोड़ रुपए की नई हॉकी टर्फ का निर्माण करवाया गया है, जिससे आरसीएफ में हॉकी का स्तर काफी सुधरा है, हरे रंग के सिंथेटिक टर्फ की बाउंड्री के साथ लाल रंग का रन ऑफ भी है। इस स्टेडियम के एफआईएच की तरफ से देश भर में सर्वोत्तम स्थान दिया गया है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3rfK5iS
No comments:
Post a Comment