
जिले के गांव डिब्बीपुरा में कथित बाबा ने साथी संग मिलकर डेरे पर आने वाले 12 बेरोजगारों को रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर 13 लाख 78 हजार रुपए ठग लिए। जब सभी विद्यार्थी बाबा के पास गए तो उन्होंने धमकियां दीं कि वह उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते और यदि कोई दरखास्त दी तो जान से मरवा देंगे।
पैसे देने से साफ मुकरने पर अमरजीत सिंह वासी गांव लाधुका व अन्य आवेदकों द्वारा फाजिल्का के एसएसपी को लिखित शिकायत देने पर व बाद में इसकी अप्रूवल मिलने पर पुलिस द्वारा आरोपियों पर धारा 420, 120बी के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
पैसे मांगने पर धमकाया-हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते, यदि शिकायत दी तो जान से मरवा देंगे
जांच अधिकारी गुरबख्श सिंह ने बताया कि उनको अमरजीत सिंह वासी लाधुका ने बयान दर्ज करवाए थे कि कथित महिंदर सिंह बाबा वासी डिब्बीपुरा ने अपने गांव में ढेसियां वाला बाबा गुरमेल सिंह की जगह पर डेरा बनाया हुआ है जहां वर्ष 2017 से सेवा करता आ रहा है और उसके आसपास के गांवों के लोग दुख तकलीफें लेकर आते-जाते थे।
वर्ष 2018 में अमरजीत सिंह, जतिंदर सिंह, मनजीत सिंह, संदीप सिंह, मीतो रानी, अमरजीत सिंह, सिकंदर सिंह, सुनीता रानी, जसविंदर सिंह, सोना सिंह, जसविंदर सिंह, सुखमंदर सिंह, सुनीता रानी अपनी तकलीफें बाबा महिंदर सिंह के पास लेकर आया करते थे। यहां बाबा ने उनकी पहचान कश्मीर सिंह वासी सिद्धूवाला से करवाई।
इस दौरान महिंदर सिंह व कश्मीर सिंह ने उनको कहा कि वह कई बेरोजगारों को नौकरी लगवा चुके हैं और उनको भी लगवा देंगे। इस प्रकार दोनों ने जनवरी 2018 में रेलवे विभाग डी के पद भरने के लिए कहा। उनके कहने पर सभी आवेदकों ने रेलवे के फार्म भर दिए। जिनके रोल नंबर आने के बाद आवेदकों ने अमृतसर व बठिंडा में पेपर दे दिए।
किसी से 1 तो किसी से 2 लाख ठगे
उन दोनों की बातों में आकर अमरजीत सिंह वासी लाधुका ने 1 लाख 7 हजार रुपए, जतिंदर सिंह वासी रहिमेशाह बोदला ने 1 लाख 7 हजार रुपए, मनजीत सिंह वासी जम्मू बस्ती जलालाबाद ने 2 लाख 14 हजार रुपए, मीतो रानी वासी दूले के नत्थू वाला ने 2 लाख रुपए, अमरजीत सिंह वासी चक्क खीवा ने 2 लाख रुपए, सिकंदर सिंह वासी राणा ने 85 हजार रुपए, सुनीता रानी वासी बाहमनीवाला के 80 हजार रुपए, जसविंदर सिंह वासी मोजेवाला ने 80 हजार रुपए, सोना सिंह वासी सुरघुरी ने 1 लाख रुपए, जसविंदर सिंह वासी सुरघुरी ने 90 हजार रुपए, सुखमंदर सिंह वासी सुरघुरी ने 90 हजार रुपए, सुखमंदर सिंह वासी मोजेवाला ने 80 हजार रुपए, सुनीता रानी वासी सुरघुरी ने 35 हजार रुपए बाबे के डेरे डिब्बीपुरा में आकर दे दिए। इसके बाद न नौकरी मिली और न ही पैसा वापस मिल पाया।
पेपर में फेल बता सभी से ऐंठे 5-5 हजार
साल बीतने के बावजूद भी आवेदकों का नाम रेलवे विभाग ग्रुप डी के पदों की मैरिट में न आने पर आवेदक फिर बाबे महिंदर सिंह के डेरे पर गए जहां उन्होंने कश्मीर सिंह से बातचीत की तो कश्मीर सिंह ने सभी आवेदकों को कहा कि वे सभी रेलवे विभाग ग्रुप डी के पेपर में फेल हो गए हैं तथा उन सभी को पेपर में पास करवाने के लिए प्रत्येक विद्यार्थी 5-5 हजार रुपए खर्चा आएगा। जिसके बाद उन्होंने विश्वास करके बाबा को पैसे दे दिए तथा 15 दिन बीत जाने के बावजूद भी जब उनके नंबर नहीं बढ़े तो वह फिर उनके पास गए जिस पर कश्मीर सिंह ने कहा कि उनको नौकरी से मतलब है नंबरों से क्या लेना। आचार संहिता लगने के बाद वह कहने लगा कि अभी कुछ समय रुक जाएं।
2 साल बाद रेलवे में कार्यरत भजन सिंह से मिलवाकर दिलाया भरोसा
2 साल बाद नौकरी नहीं मिली तो कश्मीर सिंह ने रेलवे कर्मचारी भजन सिंह को फिरोजपुर में मिलने को कहा। यह भी कहा कि उनमें से एक व्यक्ति ही भजन सिंह को मिले। सभी ने सलाह करके जतिंदर सिंह वासी रहिमेशाह बोदला को मिलने के लिए फिरोजपुर भेजा। जब जतिंदर सिंह रेलवे कर्मचारी भजन सिंह को मिलने गया तो उसने भरोसा दिलाया कि अप्रैल 2020 में उनका काम हो जाएगा। भजन सिंह ने अपना नाम, पद व एड्रेस दे दिया जोकि गलत निकला।
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