
दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा और कटेकल्याण ब्लॉक में प्रशासन पलायन रोकने में लगातार नाकाम हो रहा है। रोज सुबह से शाम तक मोखपाल नकुलनार से 50 से 100 ग्रामीण काम की तलाश में तेलंगाना और आंध्रप्रदेश जा रहे हैं। गुरुवार को भी कटेकल्याण ब्लाॅक के टेटम से 50 से अधिक ग्रामीण काम की तलाश में तेलंगाना जा रहे थे। उनके साथ स्कूल पढ़ने वाले बच्चे भी थे।
टेटम गांव के जोगा, देवा ने बताया गांव में कोई काम नहीं चल रहा है इसलिए काम की तलाश में परिवार के साथ तेलंगाना जा रहे हैं। प्रशासन का दावा है कि कटेकल्याण की 26 ग्राम पंचायत में सभी जगह मनरेगा के तहत काम शुरू करवा दिए गए हैं, लेकिन हकीकत कुछ और है। पलायन करने वालों ने बताया गांव में काम नहीं मिल रहा। मनरेगा में मजदूरी का भुगतान नगद नहीं होता है पर यहां काम के बाद महीनों मजदूरी के लिए भटकना पड़ता है। प्रशासन पलायन रोकने कोई भी प्रयास नहीं कर रहा है। ग्राम पंचायतों को पलायन की जानकारी ही नहीं है।
ग्रामीण क्यों पलायन कर रहे, पता करते हैं: सीईओ
टेटम के ग्रामीणों के पलायन के बाद वहां के पंचायत सचिव से ग्रामीणों के पलायन की कोई जानकारी नहीं थी। इस संबंध में कटेकल्याण जनपद के सीईओ गौतम गहीर ने बताया पलायन रोकने सभी ग्राम पंचायतों को निर्देशित किया गया है। पलायन रजिस्टर देखकर पता करते हैं कि टेटम के ग्रामीण क्यों पलायन कर रहे हैं।
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