
छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय आह्वान पर रायपुर के धरना स्थल बूढ़ा तालाब पर अधिकारी- कर्मचारियों ने सरकार की नीति के विरुद्ध धरना प्रदर्शन किया एवं महारैली आयोजित कर अपनी एकजुटता और ताकत का प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन में राज्य भर के 15 हजार से अधिक कर्मचारियों ने सरकार के विरुद्ध हल्ला बोला।
19 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से ही सभी जिलों से कर्मचारियों का बूढ़ा तालाब में इकट्ठा होने का सिलसिला जारी रहा। आंदोलनकारियों के जमावड़ा के चलते आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया था। जिला संयोजक प्रमोद तिवारी ने बताया कांकेर जिले से लगभग 1 हजार कर्मचारी-अधिकारियों ने महारैली में हिस्सा लिया। आमसभा में कर्मचारी नेताओं ने कहा सरकार अमले के हितों की उपेक्षा कर रही है। शासकीय सेवकों के सेवा शर्तो को पूरा करने में सरकार कोरोना काल का बहाना बना रही है, लेकिन अन्य मामलों में सरकार बेधड़क व्यय कर रही है। जिला संयोजन प्रमोद तिवारी के साथ जिले के कर्मचारी प्रदर्शन में शामिल हुए।
यहां अपनी मांगों को लेकर रैली निकालकर वादा निभाने की मांग की। जिले से टीएस ठाकुर, प्रदीप राव कदम, दीपक झा, राजेंद्र पांडेय, देवाल सिंह, केएम नायर, सुरेशचंद्र श्रीवास्तव, पवन ठाकुर, शिव सिंह भदौरिया, पी सोनेल, शेख शरीफ खान, प्रदीप कवाची, तपन राय, सुधीर लकड़ा, बीरेंद्र नाग, चंद्रशेखर अग्निवंशी, प्रशांत रवानी, सचिन चंद्र खरे, जितेंद्र रजक, सोमेष शर्मा, लक्ष्मी तिवारी, जयसिंह सोनकर आदि शामिल हुए।
ये हैं प्रमुख मांगें
सरकारी कर्मचारियों के संगठनों ने लंबे समय से लिपिक एवं अन्य संवर्ग के वेतन विसंगति, महंगाई भत्ता, सातवें वेतनमान का बकाया एरियर, चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान, समयबद्ध क्रमोन्नत वेतनमान, समयमान, पदोन्नति, अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण, पुरानी पेंशन योजना लागू करने, अनुकंपा नियुक्ति में शिथिलीकरण जैसे 14 सूत्रीय मामलों पर विभाग को ज्ञापन दिया था, लेकिन निराकरण नहीं होने के कारण छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के बैनर में एकजुट होकर आंदोलन का रास्ता अपनाया।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/38nOaZK
No comments:
Post a Comment