
कोरोना वायरस ने समाज के हर वर्ग को रोक दिया है। यहां तक कि धार्मिक आयोजनों पर भी कोरोना का प्रकोप हावी है। अब क्रिसमस के आयोजन पर भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की तैयारियां हैं। विभिन्न चर्च में अभी से सरकार की गाइडलाइन के पालन को सख्त बनाया जा रहा है। क्रिसमस में शामिल होने वालों की संख्या निर्धारित की जा रही है। कह सकते हैं कि इस बार क्रिसमस कोरोना की बंदिशों के बीच मनाया जाएगा। मिडनाइट मास (सामूहिक प्रार्थना) को रद्द कर दिया गया है। इस साल क्रिसमस पर शहरभर के चर्चों में 24 दिसंबर की आधी रात को होने वाली विशेष सामूहिक प्रार्थना भी नहीं होगी, लेकिन घर से ही ऑनलाइन आयोजन में शामिल हो सकेंगे।
अनुयायी घर से ही बाइबल का संदेश सुनकर धर्मलाभ ले रहे
कोरोना की वजह से क्रिसमस सेलिब्रेशन के लिए रोज शाम को ऑनलाइन प्रार्थना सभा करवाई गई। यह सिलसिला क्रिसमस तक यूं ही चलेगा। बाइबल के संदेश ऑनलाइन दिए जा रहे हैं। अनुयायी अपने घर से ही बाइबल का संदेश सुनकर धर्मलाभ ले रहे हैं। इसके अलावा चर्च में झांकियां भी नहीं बनाई जाएंगी, बल्कि प्रभु के जीवन पर आधारित प्रसंग ऑनलाइन दिखाए जाएंगे। 25 दिसंबर को भी विशेष ऑनलाइन प्रार्थना की व्यवस्था की जाएगी। ईसा मसीह के जन्मदिन पर कोरोना मुक्ति के लिए भी विशेष प्रार्थना की जाएगी। चर्च में दिन में होने वाले आयोजनों के दौरान कोविड-19 की खास गाइडलाइन को फॉलो किया जाएगा। इसमें
मास्क, स्क्रीनिंग और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठने की व्यवस्था की जाएगी। कोरोनाकाल को देखकर इस बार 24 दिसंबर की आधी रात को होने वाली प्रार्थना शाम को होगी। यह पहला मौका है, जब रातभर प्रार्थना नहीं होगी। भीड़ कम से कम हो, इसके लिए कोविड गाइडलाइन का पालन करने और ऑनलाइन प्रार्थना की भी अपील की जा रही है। प्रार्थना से पहले और बाद में चर्चों को सेनेटाइज किया जाएगा। वहीं, कैरोल सिंगिंग
में समूह बनाकर एक-दूसरे के घर जाकर यीशु के आगमन का संदेश दिया जाता है। अब अपने घरों में ही श्रद्धालु क्रिसमस की सजावट कर कैरोल सिंगिंग करेंगे। लोग घरों में उत्साह से त्योहार मनाने की तैयारियों में जुटे हैं। केक बांटकर प्रभु यीशु के जन्म की खुशियां मनाई जाएंगी।
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