
स्ट्रीट लाइट के जोन नंबर 5 और 7 के ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की चल रही तैयारी के मामले में एक और नया मोड़ आ गया है। कांग्रेस पार्टी के ही एक मंत्री ने ठेका फर्म गुरम इलेक्ट्रिकल को बचाने के लिए सिफारिश की है। कई दौर की सिफारिशों और जद्दोजहद के बाद मेयर जगदीश राजा ने पार्षदों की मीटिंग बुलाई थी, जिनके वार्ड की लाइटों के ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस का काम ठेकेदार के पास है।
मीटिंग में पार्षद पति गुरनाम सिंह मुल्तानी, जगदीश गग, उमा बेरी, मंदीप जस्सल, शमशेर सिंह खैहरा के अलावा पवन कुमार और गुरविंदर सिंह नीलकंठ मौजूद थे। मेयर ने पार्षदों से ठेकेदार के काम को लेकर प्रतिक्रिया मांगी, ताकि उसे ब्लैकलिस्ट करने से बचाया जा सके।
एडहॉक कमेटी कर चुकी है ब्लैकलिस्ट करने का फैसला, अब एफएंडसीसी में लगेगी मोहर
मेयर ने बताया- दोनों जोन में 14 वार्ड आते हैं, जिसमें से मीटिंग में मौजूद समूह पार्षदों ने सिरे से ठेकेदार को राहत देने की सिफारिश को खारिज कर दिया। कहा गया कि 2 माह से ठेकेदार ने काम ठप कर रखा है, अलग-अलग वार्डों में करीब 800 स्ट्रीट लाइटें बंद है, जिसपर कोई सुनवाई नहीं की। कई वार्डों में तो रोजाना समय पर लाइट जलाने और बंद करने को स्टाफ समय पर नहीं आता है। पार्षदों ने काम से ज्यादा गुस्सा ठेकेदार के रवैये पर जताया। बताया कि ठेकेदार का पार्षदों के साथ व्यवहार सही नहीं है, शिकायत करने पर कोई सुधार करने की बजाय बेतुकी बातें करता है।
इसके व्यवहार को देखते हुए ब्लैकलिस्ट की कार्रवाई में कोई राहत न दी जाए। पार्षदों की तीखी प्रतिक्रिया पर मेयर ने भी कार्रवाई में किसी प्रकार की राहत देने से साफ मना कर दिया है। वैसे भी 10 महीने के ठेके में बंद लाइटों को लेकर ठेकेदार पर तय की गई पेनल्टी की रकम उसके काम के लिए बनने वाले बिल से ज्यादा हो चुकी है। मेयर ने कहा है कि स्ट्रीट लाइट की एडहॉक कमेटी की चेयरमैन पार्षद मंदीप कौर मुल्तानी की अगुआई में कमेटी ने ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने का फैसला करके सिफारिश भेज दी है। इतना ही नहीं ब्लैकलिस्ट करने के लिए 3 नोटिस भी पहले ही दिए जा चुके है। अब ब्लैकलिस्ट करने के फैसले पर 4 जनवरी को होने वाली एफएंडसीसी की मीटिंग में अंतिम फैसला होगा।
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