
गांव हीरांवाली में रविवार को शराब फैक्ट्री के निर्माण के लिए जमीन की पैमाइश करने आए कर्मियों का गांववासियों व किसान संगठनों ने विरोध किया। साथ लगते गांव बेगांवाली, खुईखेड़ा, कबूलशाह, शतीरवाला व कई अन्य गांव के ग्रामीणों व किसानों का कहना है कि वह गांव में शराब फैक्ट्री नहीं लगने देंगे क्योंकि इससे आसपास की जमीनों को नुकसान होगा।
सरकार पंजाब में नशे के दरिया बहाने पर तुली हुई है। वहीं दूसरी ओर जमीन की पैमाइश करने आए लोगों का कहना था कि वह महज अपनी साढे़ 28 एकड़ जमीन की पैमाइश करने आए हैं उनको शराब की फैक्ट्री के मुद्दे संबंधी कुछ पता नहीं है। इस संबंधी कृष्ण लाल, राम प्रताप, कृष्ण लाल खाती, संदीप कुमार, राकेश कुमार, राज कुमार, बलराम, ओमप्रकाश, कुलदीप कुमार, कृष्ण लाल, हजारी लाल, डिप्टी सिंह, इकबाल सिंह, जगरूप सिंह, सुरजीत सिंह, आदि ने बताया कि करीब 6 वर्ष पहले भी गांव हीरांवाली में शराब फैक्ट्री बनाने को लेकर विवाद हुआ था जिसका गांव वासियों ने एतराज जताया था जिसके बाद इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया था।
साढ़े 28 एकड़ जमीन की पैमाइश करवाने के लिए मंजूरी ले रखी
अब फिर से उसी जमीन की निकटवर्ती किसानों को बिना बताए इस साढ़े 28 एकड़ जमीन की पैमाइश करवाई जा रही है। वहीं इसकी मंजूरी भी ले रखी है जबकि इसके लिए जिन किसानों की जमीन उनके साथ लगती है उनको इसकी सूचना तक नहीं दी गई। उक्त जमीन के लिए लगभग 8 किलोमीटर दूरी से बारामासी नहरी पानी गांव कमालवाला से मंजूर भी किया जा चुका है जिसकी जानकारी उनको ऑनलाइन चैक करने पर मिली। जिसके बाद उनको पूरी आशंका है कि उक्त जमीन पर जरूर ही शराब फैक्ट्री बनाई जाएगी। जब किसानों द्वारा जमीन की पैमाइश करने वालों से पूछा गया कि वह कहां से आए हैं तो उनका कहना था कि वह राजस्थान के हनुमानगढ़ से आए हैं और यदि उनकी जमीन के साथ किसी भी किसान की जमीन की पैमाइश की जाएगी तो वह सरकारी अधिकारियों को मौके पर बुलाकर पैमाइश करवाएंगे।
हमारे किसान भाई दिल्ली धरने पर बैठे हैं, सरकार इसका लाभ उठाना चाहती है
किसानों ने बताया कि नियमों के मुताबिक आज तक ऐसा काम नहीं हुआ। जब भी वह अपनी जमीन की पैमाइश करवाते हैं तो पहले पटवारी को बुलाते हैं जिसके बाद पटवारी बताता है कि किस किसान की जमीन की पैमाइश होगी और उस किसान के अलावा जिस किसान की वट दूसरे किसान को लगती है तथा उसने भी पैमाइश में पहुंचना है। इसके बाद बाकायदा इसके साइन होते हैं लेकिन जमीन की पैमाइश करने वालों ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। किसानों ने बताया कि उनके किसान भाई दिल्ली में धरनों में व्यस्त हैं जिसका लाभ उठाते हुए उक्त शराब फैक्ट्री कांग्रेस के एक मंत्री द्वारा लगाई जा रही है जिसे वह किसी भी हाल में लगाने देंगे तथा इसको बंद करवाने के लिए वह अपनी जान तक की बाजी भी लगा देंगे। क्योंकि शराब की फैक्ट्री लगने से हमारे आसपास की फसले बरबाद होंगी और यहां के लोग इसके आदी भी हो सकते हैं।
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