
कोयलीबेड़ा विकासखंड में प्रतापपुर से कोयलीबेड़ा मार्ग पर करकाघाट और कामतेड़ा में दो बीएसएफ कैंप खोले गए हैं। कैंप को देवस्थल में खोलने का आरोप लगाते सर्व आदिवासी समाज एवं एसटीएससी, ओबीसी समाज के बैनर तले ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है। कैप के पास आसपास के 60 गांव के एक हजार से अधिक लोगों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों की मांग है यहां से बीएसएफ कैम्प को हटाया जाए।
सरकार ने नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने के साथ सालों से लंबित पड़े प्रतापपुर-कोयलीबेड़ा मार्ग पर सड़क और पुल पुलिया निर्माण कार्य मे तेजी लाने इस मार्ग पर कामतेड़ा और कटगांव करकाघाट में 29 नवंबर को बीएसएफ कैप शुरू किया है। गांव के लोगों का कहना है जहां कैप खोला गया है वह देवस्थल है। देवस्थल में कैप खोलने को अनुचित बताते 17 दिसंबर से ग्रामीणों ने कैप के सामने ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है जब तक कैप हटाया नहीं जाता तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।
धरना स्थल पर ग्रामीण राशन पानी लेकर पूरी तैयारी से पहुंच रहे हैं। धरना स्थल पर ग्रामीण दोपहर से जुटने लगे। शाम 6 बजे समाचार लिखे जाने तक ग्रामीणों के पहुंचने का सिलसिला जारी था। ग्रामीण अपने साथ राशन, बर्तन के अलावा कपड़े आदि लेकर पहुंच रहे हैं जिससे संभावना है धरना लंबा चलेगा।
कैप खुलने से क्षेत्र का होगा विकास
एसडीओपी मयंक तिवारी ने कहा कैप क्षेत्र में सुरक्षा को और मजबूत करने खोले गए हैं। कैप ग्रामीणों के हित में हैं। कैप खुलने से क्षेत्र का विकास होगा तथा सालों से लंबित सड़क तथा पुल पुलिया निर्माण कार्य में तेजी आएगी।
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